यह यूरोपीय कंपनी कर रही है इलॉन मस्क की स्पेसएक्स को टक्कर देने की तैयारी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

यूरोपीय कंपनी माइआस्पेस बार बार इस्तेमाल किया जा सकने वाला रॉकेट खुद बनाने की कोशिश कर रही है. यूरोप को उम्मीद है कि इससे इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को टक्कर दी जा सकेगी. क्या ऐसा हो पाएगा?फ्रांस के नॉरमंडी में वर्नन कस्बे के ऊपर जंगल के बीच में कुछ श्रमिक स्टील के एक सिलिंडर को ठीक कर रहे हैं जिसे एक जोड़ी विशालकाय लाल पंजों ने पकड़ा हुआ है. यह सिलिंडर बार बार इस्तेमाल हो सकने वाले उस रॉकेट का हिस्सा है जिसकी मदद से यूरोप को इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को टक्कर देने की उम्मीद है.

माइआस्पेस 2026 में यूरोप का पहला आंशिक रूप से दोबारा इस्तेमाल किया जा सकने वाला राकेट लॉन्चर बाजार में उतारने के लिए परीक्षण के एक बेहद महत्वपूर्ण समय में प्रवेश कर रही है. यह कंपनी यूरोप की सबसे बड़ी रॉकेट निर्माता कंपनी आरियान समूह की दो साल पुरानी सहायक कंपनी है.

इस रॉकेट का लक्ष्य मुख्य रूप से छोटे व्यावसायिक सैटलाइट हैं. यूरोप को इस तकनीक में पहले से ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक बनाने की यह कोशिश मुख्य यूरोपीय सरकारों के उस कदम के एक दशक बाद की जा रही है जिसके तहत फैसला लिया गया था कि आरियान छह हेवी लॉन्चर को बिना दोबारा इस्तेमाल योग्य बनाए विकसित किया जाएगा.

पहल में हुई काफी देर

इसे बाजार में अगले साल लाया जाना है लेकिन कुछ आलोचक इसे अभी से पुराना बता रहे हैं. माइआस्पेस के सीईओ योहान लेरॉय ने हाल ही में पत्रकारों को बताया, "अटलांटिक के इस तरफ, हमने दोबारा इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों के प्रति लापरवाही दिखाई है.

उन्होंने आगे कहा, "प्रतिस्पर्धात्मक होने के लिए हमें खर्चों को कम करना होगा और रॉकेट के पहले चरण को फिर से पा लेना होगा." इस कंपनी को बनाने की योजना की घोषणा सबसे पहले 2021 में फ्रांस के तत्कालीन वित्त मंत्री ब्रूनो लेमैर ने की थी.

उन्होंने 2014 के "खराब रणनीतिक फैसले" के प्रति पछतावा प्रकट किया था और "हमारा अपना स्पेसएक्स और हमारा अपना फॉल्कन नौ" बनाने की महत्वाकांक्षा जाहिर की थी.

किस चरण में है स्पेसएक्स की निजी स्पेसवॉक

रूपरेखा के अनुसार एक मध्यम आकार का लॉन्चर बनाने की योजना है जिसके पहले चरण को जरूरत पड़ने पर फ्रेंच गयाना में स्थित यूरोपीय स्पेसपोर्ट के पास एक नाव पर वापस उतारा जा सके और पांच बार दोबारा इस्तेमाल किया जा सके.

दो चरणों के इस रॉकेट के प्रदर्शन को और बेहतर बनाने के लिए इस पर अतिरिक्त रूप से एक छोटा सा "किक स्टेज" भी लगाया जा सकता है. लेरॉय ने बताया कि यह रॉकेट 0.5 टन और चार टन के बीच के पेलोड ले जा सकेगा.

अभी तक इस क्षेत्र के प्रमुख खिलाड़ी स्पेसएक्स की बराबरी करना मुश्किल रहा है. लेकिन यूरोपीय अधिकारियों को विश्वास है कि माइआस्पेस जैसी परियोजनाएं आरियान छह के दोबारा इस्तेमाल किया जा सकने वाले उत्तराधिकारी बनाने में सफल रहेंगी.

माइआस्पेस के सामने कई चुनौतियां

स्पेसएक्स ने दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले फॉल्कन नौ बूस्टर को सबसे पहले 2017 में दोबारा लांच किया था. माइआस्पेस के 230 इंजीनियरों को यह पता लगाना है कि उन्हें स्पेसएक्स के साथ ना पार कर पाने वाली सी लगने वाली इस खाई को कैसे पार करना है.

उन्हें जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है उनके लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार फिर से इस्तेमाल किए जाने वाली तकनीक को पूरी तरह से गले लगाने में यूरोप की देरी भी जिम्मेदार है.

जब पारंपरिक रॉकेट अलग होते हैं तो वो अंतरिक्ष के वैक्यूम में अलग होते हैं. लेकिन दोबारा इस्तेमाल किए जाने के लिए रॉकेट के पहले चरण को और पहले अलग होना होता है, जिसमें वायुमंडल से डिस्टर्बेंस का खतरा रहता है.

लेरॉय ने बताया कि यह "उन मुख्य तकनीकी चुनौतियों में से है जिस पर यूरोपीय उद्योग को तरक्की करने की जरूरत है." यह "इंटरस्टेज" प्रोटोटाइप जो अब बनाया जा रहा है, इसका डिजाइन ही इस समस्या के एक समाधान का परीक्षण करने के लिए किया गया है. यह परीक्षण इसी हफ्ते होगा, जिसमें यह लाल पंजों जैसा ढांचा अलगाव के असर की नकल करेगा.

काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से माइआस्पेस को तेजी से भी काम करना होगा. जर्मनी की 'रॉकेट फैक्टरी आउग्सबर्ग' भी ऐसे ही एक रॉकेट के डिजाइन पर काम कर रही है, हालांकि इसे पिछले एक टेस्ट इंजन के फट जाने से झटका लगा था.

दूसरी कंपनियों की तरह ही माइआस्पेस को निवेश की भी जरूरत होगी. उसका अनुमान है कि इस रॉकेट को बनाने का खर्च ही सैकड़ों मिलियन यूरो में आएगा. लेरॉय ने बताया कि अभी तक कंपनी को आरियान समूह से 12.5 करोड़ यूरो मिले हैं और वो अगले साल एक नए राउंड की फंडिंग के लिए बातचीत शुरू करेगी.

सीके/वीके (रॉयटर्स)