BCCI Annual Player Contracts: क्या 2 फॉर्मेट से रिटायरमेंट के बाद विराट कोहली और रोहित शर्मा का होगा डिमोशन? A+ कॉन्ट्रैक्ट से बाहर करेगी बीसीसीआई
रोहित शर्मा और विराट कोहली (Photo Credit: X Formerly Twitter/BCCI)

BCCI Annual Player Contracts: भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम(India National Cricket Team) के दो सबसे बड़े नाम रोहित शर्मा और विराट कोहलीने हाल ही में ICC ODI बैटर्स रैंकिंग में क्रमशः नंबर 1 और नंबर 2 स्थान हासिल किया. लेकिन इस उपलब्धि के ठीक एक दिन बाद ऐसी रिपोर्ट्स सामने आईं, जिनमें दावा किया गया कि बीसीसीआई जल्द ही उनकी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट कैटेगरी में बदलाव पर विचार कर सकती है. टेस्ट और टी20 क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद अब यह दोनों दिग्गज केवल वनडे फॉर्मेट में ही उपलब्ध हैं, और यही बात उन्हें A+ श्रेणी में बनाए रखने पर सवाल खड़े कर रही है. 22 दिसंबर को होने वाली बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक (AGM) में इस विषय पर चर्चा होने की संभावना है, और माना जा रहा है कि इस बैठक में भारतीय क्रिकेट के दो सबसे प्रतिष्ठित खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. राहुल द्रविड़ के बाद अब गौतम गंभीर-अजित अगरकर का दबाव? विराट कोहली-रोहित शर्मा को घरेलू क्रिकेट खेलने पर BCCI की सफाई

क्या हैं बीसीसीआई के वार्षिक प्लेयर कॉन्ट्रैक्ट?

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा तैयार किए गए केंद्रीय अनुबंध खिलाड़ियों के प्रदर्शन, फॉर्मेट योगदान और पेशेवर मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किए जाते हैं. यह सिर्फ एक सैलरी स्ट्रक्चर नहीं, बल्कि खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता और निरंतरता को प्रोत्साहित करने वाला एक महत्वपूर्ण तंत्र है. बीसीसीआई खिलाड़ियों को चार ग्रेड में विभाजित करता है, A+ (₹7 करोड़), A (₹5 करोड़), B (₹3 करोड़), और C (₹1 करोड़) इसके अलावा खिलाड़ी मैच फीस और अन्य लाभ भी प्राप्त करते हैं.

A+ श्रेणी केवल उन खिलाड़ियों के लिए आरक्षित है जो सभी प्रारूपों में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं. मौजूदा सूची में रोहित शर्मा, विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा शामिल थे. लेकिन अब रोहित और विराट दो फॉर्मेट से रिटायर हो चुके हैं, जिससे उनकी A+ कैटेगरी पर प्रश्न खड़े हो गए हैं.

कैसे तय किए जाते हैं कॉन्ट्रैक्ट ग्रेड?

वार्षिक केंद्रीय अनुबंध सूची चयन समिति, हेड कोच और टीम कप्तान द्वारा मिलकर तय की जाती है. इस प्रक्रिया में कई मानदंडों को ध्यान में रखा जाता है.

1. फॉर्मेट प्राथमिकता और भागीदारी: टेस्ट क्रिकेट को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाले और सभी फॉर्मेट में योगदान करने वाले खिलाड़ियों को ऊँची कैटेगरी मिलती है. A+ श्रेणी केवल उन खिलाड़ियों को दी जाती है जो तीनों फॉर्मेट में निरंतर खेल रहे हों.

2. प्रदर्शन और स्थिरता: ग्रेड C के लिए भी खिलाड़ी को कम से कम 3 टेस्ट, 8 ODI या 10 टी20I खेलने होते हैं. सिर्फ मैचों की संख्या बढ़ा देने से किसी खिलाड़ी को प्रमोशन नहीं मिलता. उनकी प्रभावशाली भूमिका, निरंतर प्रदर्शन और योगदान पर ग्रेड निर्भर करता है. हालांकि, शीर्ष खिलाड़ियों के लिए चोट या अस्थायी फॉर्म स्लंप को अक्सर अनदेखा भी किया जाता है.

3. घरेलू क्रिकेट में भागीदारी: बीसीसीआई ने हाल के वर्षों में घरेलू क्रिकेट को लेकर कठोर रुख अपनाया है. श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को घरेलू मैचों से दूर रहने के कारण केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया गया था. इसका सीधा संकेत यह है कि बोर्ड किसी भी खिलाड़ी से पूर्ण पेशेवर प्रतिबद्धता की अपेक्षा करता है.ॉ

क्या रोहित-विराट को A+ में बने रहने का हक है?

अप्रैल 2025 में घोषित कॉन्ट्रैक्ट में रोहित और विराट दोनों A+ श्रेणी में शामिल थे. लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है. दोनों ने दो-दो फॉर्मेट से संन्यास ले लिया है और अब सिर्फ एक प्रारूप में उपलब्ध हैं. दूसरी ओर, BCCI का स्पष्ट नियम है कि A+ श्रेणी केवल ऑल-फॉर्मेट खिलाड़ियों के लिए है. यह स्थिति बताती है कि तकनीकी रूप से रोहित और विराट का A+ में बने रहना कठिन है.

लेकिन दूसरी ओर, उनकी उपलब्धियां, भारतीय क्रिकेट में योगदान, रिकॉर्ड्स और विशाल फैन फॉलोइंग को देखते हुए यह भी संभव है कि बोर्ड किसी विशेष छूट का प्रावधान करे. बीसीसीआई अक्सर अपने वरिष्ठतम खिलाड़ियों को सम्मानजनक स्थान देता रहा है और ये दोनों भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े स्तंभों में गिने जाते हैं.