Bangladesh Elections 2026: 12 फरवरी को होगा बांग्लादेश चुनाव, शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद पहली राष्ट्रीय परीक्षा; भारत पर क्या होगा असर
Sheikh Hasina was sentenced to death (Credit-ANI)

Bangladesh Elections 2026: बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी 2026 को आम चुनाव होने जा रहे हैं. यह वोट इसलिए बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि 2024 के छात्र आंदोलन के बाद यह पहला राष्ट्रीय चुनाव होगा जिसने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटने पर मजबूर किया था. तब से देश की बागडोर नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार संभाल रही है. इसी दिन देश में जनता एक बड़े जनमत संग्रह यानी रेफरेंडम में भी हिस्सा लेगी जिसमें शासन व्यवस्था में बड़े बदलाव का प्रस्ताव शामिल है.

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क्यों महत्वपूर्ण है यह चुनाव?

यह चुनाव सिर्फ बांग्लादेश के भविष्य को नहीं बल्कि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की रणनीतिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है. बांग्लादेश के साथ भारत का व्यापार, ट्रांजिट रूट और सुरक्षा सहयोग काफी हद तक राजनीतिक स्थिरता पर निर्भर करता है. अगर नई सरकार मजबूत फैसले लेती है तो भारत को उत्तर-पूर्व में बेहतर कनेक्टिविटी, आसान व्यापारिक रास्ते और सुरक्षा साझेदारी के नए अवसर मिल सकते हैं. वहीं किसी अस्थिरता या नीति बदलाव का सीधा असर भारत की क्षेत्रीय योजनाओं पर पड़ेगा.

चुनाव से पहले चरम पर तनाव

अंतरिम सरकार ने शेख हसीना की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं, इसलिए यह पार्टी चुनाव नहीं लड़ पाएगी जब तक बैन नहीं हटता. कई नेता जेल में हैं, कुछ लापता हैं, तो कई देश छोड़ चुके हैं. ऐसे में मुकाबला मुख्य रूप से बेगम खालिदा जिया की BNP, जमात-ए-इस्लामी और 2024 आंदोलन से उभरी नई पार्टी NCP के बीच रहने की संभावना है.

मतदान का समय भी बढ़ाया गया है क्योंकि इसी दिन रेफरेंडम और चुनाव दोनों कराए जाएंगे.

लोकतंत्र की सबसे कठिन परीक्षा

माना जा रहा है कि यह चुनाव बांग्लादेश की लोकतांत्रिक साख के लिए निर्णायक होगा. देश में बहस इस बात पर है कि नई सरकार कैसे लोकतंत्र को बहाल करेगी, अर्थव्यवस्था सुधारेगी, मीडिया की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगी और भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को संतुलित रखेगी.

कुल मिलाकर यह वोट पूरे दक्षिण एशिया की राजनीतिक दिशा तय कर सकता है.