अमेजन (Amazon) ने बुधवार को घोषणा की कि वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) यानी एआई (AI) और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर (Logistics Infrastructure) जैसे क्षेत्रों में 2030 तक भारत में 35 बिलियन डॉलर तक का निवेश करेगी. दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट जनसंख्या वाले भारत में तेजी से बढ़ती AI मांग के बीच यह कदम ऐसे समय आया है जब सभी प्रमुख टेक कंपनियाँ देश में अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी हैं.
5 बिलियन डॉलर का विशाल निवेश, नौकरी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस
अमेजन के मुताबिक, इस निवेश से एक मिलियन (10 लाख) नई नौकरियां पैदा होंगी. कंपनी पहले ही दशक के अंत तक भारत में अतिरिक्त 15 अरब डॉलर निवेश की योजना की घोषणा कर चुकी थी. इसमें अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) द्वारा भारत में बढ़ती ग्राहक मांग को पूरा करने के लिए 12.7 अरब डॉलर के इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश का हिस्सा भी शामिल था.
इसके अलावा, अमेजन ने घोषणा की है कि वह भारत से ई-कॉमर्स निर्यात को चार गुना बढ़ाकर 2030 तक 80 अरब डॉलर तक पहुंचाने की योजना बना रही है. यह भी पढ़ें: AI की तेज रफ्तार पर अमेजन कर्मचारियों की नाराजगी, CEO को लिखा खुला खत
साल 2030 तक भारत में $35 बिलियन का निवेश करेगा अमेजन
BREAKING: AMAZON WILL INVEST $35 BILLION IN INDIA BY 2030
— Insider Paper (@TheInsiderPaper) December 10, 2025
अमेजन के उभरते बाजारों के प्रमुख अमित अग्रवाल ने कहा
हम भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने और लाखों भारतीयों के लिए AI तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने को लेकर उत्साहित हैं.
Microsoft की बड़ी घोषणा के 24 घंटे बाद अमेजन का कदम
यह घोषणा ठीक एक दिन बाद आई है जब माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अगले चार वर्षों में 17.5 अरब डॉलर के AI और क्लाउड कंप्यूटिंग निवेश का वादा किया था. दोनों कंपनियों की आक्रामक रणनीति इस बात का संकेत देती है कि भारत वैश्विक AI दौड़ में कितना महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है.
भारत—Big Tech कंपनियों का हाई-ग्रोथ बाजार
भारत, जो अब दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, अमेजन और गूगल जैसी कंपनियों के लिए एक तेज़ी से बढ़ता बाज़ार बना हुआ है. हालांकि, उन्हें स्थानीय प्रतिस्पर्धा, सख्त नियमों और ई-कॉमर्स व त्वरित डिलीवरी ब्रांड्स से चुनौती मिल रही है. अमेजन यहां Walmart-समर्थित Flipkart, Zomato-समर्थित Blinkit, Swiggy Instamart और Zepto जैसे प्लेटफॉर्म्स की तीव्र प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है. ये कंपनियाँ भारतीय उपभोक्ताओं के बीच बेहद लोकप्रिय क्विक-कॉमर्स (10–20 मिनट डिलीवरी) मॉडल को तेजी से बढ़ा रही हैं.













QuickLY