Tech Layoff: HP और Apple में छंटनी का दौर तेज, हजारों नौकरियों पर मंडरा रहा संकट!
Job Cuts In IT Companies

HP Layoff: दुनियाभर के टेक सेक्टर में छंटनी (Layoff) की बड़ी लहर दौड़ रही है. कई बड़ी कंपनियां अपने खर्च कम करने और बिजनेस मॉडल बदलने के कारण कर्मचारियों की संख्या में भारी कटौती कर रही हैं. इस हफ्ते एप्पल (Apple) और एचपी (HP) जैसी दिग्गज टेक कंपनियों ने भी बड़े पैमाने पर छंटनी का फैसला लिया है. इन घोषणाओं से इंडस्ट्री में हलचल बढ़ गई है, और लाखों प्रोफेशनल्स के बीच चिंता का माहौल है. कंपनियों का कहना है, कि यह कदम वैश्विक आर्थिक दबाव और घटते कारोबार को देखते हुए उठाया जा रहा है.

एचपी करेगी 2028 तक 4,000 से 6,000 कर्मचारियों की छंटनी

एचपी (HP Inc.) ने मंगलवार, 25 नवंबर को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि कंपनी 2028 तक दुनिया भर में 4,000 से 6,000 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है. कंपनी के अनुसार यह फैसला उसकी उस नई रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह एआई (AI) तकनीक को तेजी से अपनाना, उत्पाद विकास को मजबूत करना, संचालन को आसान बनाना और ग्राहकों को बेहतर अनुभव देना चाहती है.

एचपी के सीईओ एनरिके लोरेस ने बताया कि इस छंटनी का असर कंपनी के प्रोडक्ट डेवलपमेंट, इंटरनल ऑपरेशंस और कस्टमर सपोर्ट विभागों पर देखने को मिलेगा. उनका कहना है, कि कंपनी का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 1 बिलियन डॉलर की लागत बचत करना है.

ध्यान देने वाली बात यह है कि एचपी इससे पहले भी साल की शुरुआत में 2,000 कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी है, और अब नए कदम से कंपनी में एक और बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.

एप्पल ने भी की दर्जनों सेल्स रोल्स में की कटौती

वहीं दूसरी ओर, टेक दिग्गज एप्पल (Apple Inc.) ने भी अपनी सेल्स टीम में बड़े बदलाव करते हुए दर्जनों सेल्स रोल्स को खत्म कर दिया है. कंपनी का कहना है कि यह कदम उसके बिज़नेस, स्कूल और सरकारी ग्राहकों के लिए सेवाओं को और अधिक सुव्यवस्थित करने और मजबूत तरीके से प्रबंधित करने के लिए उठाया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, इस छंटनी का सीधा असर उन कर्मचारियों पर पड़ा है जो मीटिंग्स आयोजित करते थे, प्रोडक्ट डेमो संभालते थे और बड़े संस्थागत ग्राहकों के लिए ब्रीफिंग सेंटर मैनेज करते थे. एप्पल ने स्पष्ट किया है, कि इन बदलावों का उद्देश्य ग्राहकों से बेहतर जुड़ाव बनाना और टीमों के भीतर दोहराव वाले कार्यों को समाप्त करना है. कंपनी ने यह भी कहा है कि जिन कर्मचारियों के पद प्रभावित हुए हैं, उन्हें एप्पल के भीतर ही अन्य भूमिकाओं के लिए आवेदन करने का अवसर दिया जाएगा.

गौरतलब है कि हाल ही में एप्पल ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी 20 कर्मचारियों की छंटनी की थी. हालांकि, कंपनी ने इस बार कुल कितने कर्मचारियों को प्रभावित किया गया है, इसकी संख्या सार्वजनिक नहीं की है.

बढ़ती आय के बीच एप्पल का छंटनी का फैसला

दिलचस्प बात यह है कि एप्पल यह कदम ऐसे समय पर उठा रहा है, जब कंपनी की आय लगातार बढ़ रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, एप्पल दिसंबर तिमाही में लगभग 140 बिलियन डॉलर की बिक्री करने की तैयारी में है. इसके साथ ही कंपनी ने हाल ही में 4 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप का आंकड़ा भी पार कर लिया है, जो किसी भी टेक कंपनी के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जाती है.

विशेषज्ञों का मानना है, कि एप्पल की यह नई रणनीति उसकी सेल्स टीम को अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. साथ ही, कंपनी अपनी बिक्री का कुछ हिस्सा थर्ड-पार्टी रिसेलर्स यानी चैनल पार्टनर्स की ओर ट्रांसफर करने पर भी विचार कर रही है. इससे एप्पल को आंतरिक लागत में कमी लाने, टीमों के बीच दोहराव को घटाने और संचालन को और अधिक कुशल बनाने में मदद मिल सकती है.

टेक सेक्टर में छंटनी का बढ़ता आंकड़ा

रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2025 में 21 कंपनियों ने कुल 18,510 कर्मचारियों की छंटनी की थी. विशेष रूप से, अमेज़न (Amazon) ने घोषणा की है कि वह 14,000 कॉर्पोरेट कर्मचारियों की छंटनी करेगा, जो कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी होगी.

वहीं, नवंबर 2025 में अब तक 20 कंपनियों ने 4,545 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया है. इस महीने सबसे बड़ी छंटनी चिप-डिज़ाइन कंपनी सिनॉप्सिस (Synopsis) ने की है, जिसमें 2,000 कर्मचारियों को निकाला गया, जो उसकी कुल वर्कफोर्स का लगभग 10% है.

साल 2025 में अब तक कुल 237 टेक कंपनियों ने 11,14,124 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. यह आंकड़ा टेक उद्योग में बढ़ती अनिश्चितता और वित्तीय दबाव को दर्शाता है.