Oracle Job Cuts 2025: टेक की दुनिया की एक बहुत बड़ी कंपनी ओरेकल (Oracle Corp.) ने अपने क्लाउड डिवीज़न में कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी टेक्नोलॉजी पर पानी की तरह पैसा बहा रही है.
क्यों हो रही है यह छंटनी?
आजकल AI का ज़माना है. हर बड़ी कंपनी इस टेक्नोलॉजी में सबसे आगे रहना चाहती है. लेकिन AI सिस्टम को बनाने और चलाने में बहुत ज़्यादा पैसा लगता है. इस भारी खर्च को संतुलित करने के लिए, कंपनियाँ अपने दूसरे विभागों के खर्चों में कटौती कर रही हैं. इसका एक तरीका कर्मचारियों की छंटनी है.
Oracle ऐसा करने वाली अकेली कंपनी नहीं है. Microsoft, Amazon और Meta (फेसबुक की पेरेंट कंपनी) जैसी दिग्गज कंपनियां भी AI पर बढ़ते खर्च के कारण हज़ारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी हैं.
कर्मचारियों पर क्या असर पड़ा?
जिन कर्मचारियों को निकाला गया है, उन्हें इसी हफ़्ते इस बारे में बताया गया. कुछ लोगों का कहना है कि यह छंटनी कर्मचारियों के काम के प्रदर्शन (performance) से भी जुड़ी है. हालांकि, यह डिवीज़न अभी भी कुछ पदों के लिए नई भर्तियाँ कर रहा है. अकेले सिएटल शहर में, जो इस डिवीज़न का मुख्य केंद्र माना जाता है, 150 से ज़्यादा लोगों की नौकरी गई है.
एक तरफ मुनाफा, दूसरी तरफ कटौती
यह खबर थोड़ी हैरान करने वाली है, क्योंकि Oracle का क्लाउड डिवीज़न बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है और कंपनी के शेयर भी रिकॉर्ड स्तर पर हैं. हाल ही में कंपनी ने ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के साथ एक बहुत बड़ी डील की है.
लेकिन इस सफलता की एक कीमत है. ग्राहकों की मांग पूरी करने के लिए Oracle को बड़े-बड़े डेटा सेंटर बनाने पर अरबों डॉलर खर्च करने पड़ रहे हैं. इसी वजह से पिछले साल कंपनी का 'फ्री कैश फ्लो' (सारे खर्चे निकालने के बाद बची हुई नकदी) नेगेटिव में था. आसान भाषा में कहें तो कंपनी की कमाई से ज़्यादा उसका खर्च हो गया.
Oracle का कहना है कि कंपनी की रणनीति में बदलाव या पुनर्गठन के कारण इस तरह के फैसले लिए जाते हैं. कुल मिलाकर, यह दिखाता है कि AI की दौड़ में बने रहने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भी लागत कम करने जैसे मुश्किल फैसले लेने पर मजबूर हैं.













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