'Sanchar Saathi' App: सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, कंपनियों को मोबाइल फोन में ‘संचार साथी’ ऐप पहले से इंस्टॉल करने के निर्देश
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'Sanchar Saathi' App: नकली मोबाइल हैंडसेट खरीदने से लोगों को बचाने, दूरसंचार संसाधनों के संदिग्ध इस्तेमाल की आसानी से सूचना देने और संचार साथी पहल प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए, दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार साइबर सुरक्षा प्रावधानों के तहत 28 नवम्बर, 2025 को निर्देश जारी कर देश में उपयोग के लिए मोबाइल हैंडसेट निर्माताओं और आयातकों के लिए निम्नलिखित नियम अनिवार्य कर दिए हैं. यह भी पढ़े: Sanchar Saathi App: भारत सरकार का सख़्त आदेश, सभी नए स्मार्टफोन में प्री-इंस्टॉल करना होगा सरकारी ऐप ‘संचार साथी’, कंपनियों को 90 दिनों का अल्टीमेटम

  • सुनिश्चित किया जाए कि देश में उपयोग के लिए निर्मित या आयातित सभी मोबाइल हैंडसेटों पर संचार साथी मोबाइल एप्लीकेशन पहले से इंस्टॉल हो.
  • सुनिश्चित किया जाए कि इंस्टॉल किए गए संचार साथी एप्लीकेशन उपयोगकर्ताओं के उपयोग या डिवाइस सेटअप के समय आसानी से पूरी क्षमता और बिना किसी प्रतिबंध के उपलब्ध हों.
  •  पहले से निर्मित ऐसे सभी उपकरणों और भारत में बिक्री हेतु मोबाइल हैंडसेट के निर्माता और आयातक सॉफ्टवेयर अपडेट द्वारा इस ऐप का इस्तेमाल आगे बढ़ाने का प्रयास करें.
  • निर्देशों में 90 दिनों में इसे कार्यान्वित करने और 120 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है.

संचार साथी पहल

दूरसंचार विभाग ने साइबर धोखाधड़ी में दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग रोकने और दूरसंचार साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संचार साथी पहल शुरू की है। दूरसंचार विभाग ने संचार साथी पोर्टल और ऐप विकसित किया है जो लोगों को इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी नंबर के माध्यम से मोबाइल हैंडसेट की वास्तविकता जांचने में सक्षम बनाता है, साथ ही अन्य सुविधाएं जैसे संदिग्ध धोखाधड़ी संचार, खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की रिपोर्ट करने, अपने नाम पर मोबाइल कनेक्शन की जांच करने, बैंकों/वित्तीय संस्थानों के विश्वसनीय संपर्क विवरण आदि की भी सहूलियत प्रदान करता है.

 

दूरसंचार सेवा नियमों के तहत केंद्र सरकार को अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या युक्त दूरसंचार उपकरणों के निर्माताओं को छेड़छाड़ किए गए दूरसंचार उपकरणों या आईएमईआई संख्या से संबंधित निर्देश जारी करने का अधिकार है। इसमें यह अनिवार्य है कि निर्माता या आयातक नियम प्रभावशीलता के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें.

फर्जी या नकली आईएमईआई वाले मोबाइल हैंडसेट दूरसंचार साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन जाते हैं। दूरसंचार नेटवर्क में नकली/छेड़छाड़युक्त आईएमईआई के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है जहां अलग-अलग स्थानों पर एक ही अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या युक्त अलग-अलग हैडसेट सक्रिय होते हैं और इनके विरुद्ध कार्रवाई करना चुनौतीपूर्ण बन जाता है.

भारत में सेकेंड-हैंड मोबाइल उपकरणों का बड़ा बाज़ार है। ऐसे मामले भी देखे गए हैं कि इनमें चोरी, गुमशुदा या ब्लैकलिस्ट किए गए उपकरण दोबारा बेचे जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में इन मोबाइलों को खरीदने वाला भी अपराध में भागीदार बन जाता है और उसे आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. ब्लॉक/प्रतिबंधित सूची में डाले गए आईएमईआई की जांच संचार साथी ऐप से की जा सकती है.

इसके अलावा विभिन्न सेवाओं के लाभ के लिए भी संचार साथी मोबाइल ऐप डाउनलोड किया जा सकता है: