Actress Nikita Ghag: एक्ट्रेस निकिता घाग (Nikita Ghag) और उनके साथियों को लेकर एक फिल्म प्रोडूसर ने पुलिस स्टेशन में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाई है. प्रोडूसर (Producer) का आरोप है की निकिता ने उनके ऑफिस में घुसकर पिस्तौल का डर दिखाकर उनसे 10 लाख रूपए वसूले. फिल्म प्रोडूसर का नाम कृष्णकुमार वीरसिंह मीणा उर्फ के. कुमार है. उन्होंने आरोप लगाया है की उन्हें बदनाम करने की धमकी दी और जबरन 10 लाख रूपए वसूले.पुलिस ने निकिता घाग और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
यही नहीं प्रोडूसर का कहना है की उन्हें कई घंटे तक उनके ही ऑफिस में बंधक भी बनाया गया. ये भी पढ़े:Ashish Kapoor Arrested: रेप मामले में टीवी अभिनेता आशीष कपूर पुणे से गिरफ्तार, शादी का झांसा देकर बलात्कार
ऑफिस में घुसकर बनाया बंधक
जानकारी के मुताबिक़ यह घटना 14 अगस्त की शाम को अंधेरी वेस्ट स्थित चित्रलेखा हेरिटेज स्टूडियो (Chitralekha Heritage Studio) में हुई.शिकायतकर्ता निर्माता ने बताया कि जब वह अपने केबिन में कुछ कलाकारों और दोस्तों के साथ मौजूद थे, तभी निकिता घाग कई लोगों के साथ वहां पहुंची. उनके साथ करीब 10 से 15 लोग जबरन ऑफिस में घुसे, गाली-गलौच की और अन्य लोगों को बाहर निकाल दिया. इनमें से एक शख्स ने खुद को 'दादा' बताते हुए अपना नाम विवेक जगताप बताया. एफआईआर के अनुसार, निकिता और उनके साथियों ने फिल्म निर्माता (Film Producer) से कहा कि वे झूठे आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा खराब कर देंगे. इसके एवज में उन्होंने 25 लाख रूपए की मांग की. जब निर्माता ने विरोध किया तो उनकी पिटाई की गई. इसी दौरान एक व्यक्ति ने चाकू दिखाया जबकि विवेक जगताप ने पिस्तौल (Pistol) दिखाकर धमकाया.
प्रोडूसर ने मजबूरी में किया ऑनलाइन ट्रांसफर
डर के कारण प्रोडूसर ने 10 लाख रूपए ऑनलाइन ट्रांसफर (Online Transfer) कर दिए. इतना ही नहीं, आरोपियों ने निर्माता के कर्मचारी को मजबूर किया कि वह एक ईमेल लिखे जिसमें यह रकम निकिता के लिए एडवांस एक्टिंग फीस के रूप में दर्ज हो.निर्माता ने बताया कि उन्हें करीब तीन घंटे तक ऑफिस में बंधक बनाकर रखा गया. जाते समय आरोपियों ने सभी को चेतावनी दी कि अगर किसी ने पुलिस से संपर्क किया तो गंभीर नतीजे भुगतने होंगे.
पुलिस ने किया मामला दर्ज
इस घटना के बाद प्रोडूसर ने पुलिस स्टेशन पहुंचे और मामला दर्ज करवाया. पुलिस (Police ) ने निकिता घाग और अन्य आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं, आर्म्स एक्ट और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.













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