अमेरिका: रहमानुल्लाह लखनवाल कौन है? जिसने व्हाइट हाउस के पास बरसाईं गोलियां, 2 नेशनल गार्ड्स की हालत गंभीर
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वाशिंगटन: अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस से कुछ ही दूरी पर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां तैनात दो नेशनल गार्ड्स (सैनिकों) पर एक शख्स ने अचानक गोलियां चला दीं. इस हमले में दोनों जवान बुरी तरह घायल हो गए हैं. पुलिस ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान 29 साल के अफगानी नागरिक रहमानुल्लाह लखनवाल के रूप में हुई है.

कैसे हुआ हमला?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना फैरागुट वेस्ट मेट्रो स्टेशन के पास दोपहर करीब 2:15 बजे हुई. रहमानुल्लाह वहां पहले से घात लगाकर बैठा था. जैसे ही दो नेशनल गार्ड्स गश्त करते हुए वहां पहुंचे, उसने उन पर फायरिंग शुरू कर दी.

उसने पहले एक महिला गार्ड के सीने और सिर में गोली मारी. इसके बाद उसने दूसरे गार्ड पर भी फायर किया. गनीमत यह रही कि पास ही तैनात एक तीसरे गार्ड ने हिम्मत दिखाई और हमलावर को मौके पर ही धर दबोचा. जवाबी कार्रवाई में हमलावर को भी 4 गोलियां लगी हैं. फिलहाल दोनों घायल सैनिकों की हालत नाजुक बनी हुई है.

कौन है रहमानुल्लाह लखनवाल?

जांच में सामने आया है कि रहमानुल्लाह अफगानिस्तान का रहने वाला है. वह 2021 में तब अमेरिका आया था, जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान छोड़ रही थी और वहां अफरातफरी का माहौल था. वह 'ऑपरेशन एलीज वेलकम' के तहत अमेरिका आया था और वाशिंगटन स्टेट के बेलिंगम में रह रहा था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एफबीआई इस हमले को आतंकी गतिविधि (टेररिज्म) के नजरिए से भी देख रही है. हालांकि, पुलिस का कहना है कि उसने यह हमला अकेले ही किया है, लेकिन अभी तक इसके पीछे की वजह साफ नहीं हो पाई है.

घटना के बाद एक्शन में सरकार

इस हमले के बाद वाशिंगटन डीसी में हड़कंप मच गया है. वाशिंगटन की मेयर म्यूरियल बोउसर ने इसे एक "टार्गेटेड शूटिंग" यानी जानबूझकर किया गया हमला बताया है.

उधर, 'सेक्रेटरी ऑफ वार' पीट हेगशेथ ने तुरंत एक्शन लेते हुए वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को तैनात करने का आदेश दे दिया है. एफबीआई डायरेक्टर कश पटेल ने कहा है कि यह फेडरल अधिकारियों पर हमला है, इसलिए इस केस को फेडरल लेवल पर चलाया जाएगा.

ट्रंप की सुरक्षा नीति और नेशनल गार्ड्स

आपको बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप की 'पब्लिक सेफ्टी' मुहिम के तहत पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग राज्यों से हजारों नेशनल गार्ड्स को वाशिंगटन बुलाया गया है. फिलहाल वहां करीब 2,400 सैनिक तैनात हैं. कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं कि इससे अपराध कम हो रहे हैं, जबकि आलोचकों का कहना है कि सेना को पुलिस के काम में नहीं लगाना चाहिए.

फिलहाल, रहमानुल्लाह पुलिस की हिरासत में है और अस्पताल में उसका भी इलाज चल रहा है.