
Why 'Fund Kaveri Engine' Trending On X?: सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर अचानक एक हैशटैग #FundKaveriEngine ट्रेंड करने लगा. देखते ही देखते यह टॉप ट्रेंड बन गया. देशभर के नागरिक, रिटायर्ड डिफेंस एक्सपर्ट्स और टेक्नोलॉजी प्रेमी एक स्वर में सरकार से अपील करने लगे कि 'कावेरी इंजन' के लिए फंडिंग को प्राथमिकता दी जाए. लोगों की इस मांग के पीछे एक ही सोच है कि आत्मनिर्भर भारत की असली उड़ान तभी संभव है, जब हमारे फाइटर जेट के लिए इंजन भी स्वदेशी हो. लोग चाहते हैं कि सरकार इस इंजन को मिशन मोड में फंड करे, ताकि भारत विदेशी इंजनों पर निर्भर न रहे.
#FundKaveriEngine ट्रेंड कराकर देशवासियों ने सरकार को साफ संदेश दिया है कि अब सिर्फ फाइटर प्लेन ही नहीं, बल्कि पूरी तकनीक आत्मनिर्भर होनी चाहिए.
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मोदी जी कृपया कावेरी लड़ाकू जेट इंजन को फंड करें
Modi ji please fund full family of Kaveri fighter Jet Engines and testing facilities.#FundKaveriEngine pic.twitter.com/VjpKHLL9FI
— Anil 🇮🇳 (@brahmos23) May 27, 2025
#FundKaveriEng के लिए रिक्वेस्ट करें
@mieknathshinde ji . Just like #Ladkibahin can you please also request to #FundKaveriEngine
CC : @Dev_Fadnavis ji https://t.co/tvqdONsTaq
— भारतभूमेः पुत्रः गर्वितः (@Ramki4India) May 27, 2025
उम्मीद है, रिटायर होने से पहले 120kN इंजन देख लूंगा
While I pray & hope to see this 120kN engine before I retire we must walk before we run & in that we must #FundKaveriEngine so it matches the thrust of the GE404IN20 at least . The #KAVERI must be trialled as one of the two engines on a MIG-29 before going on the #Tejas . https://t.co/E4md1v9SW8
— Ninjamonkey 🇮🇳 (@Aryan_warlord) May 27, 2025
आत्मनिर्भरता का आह्वान
#FundKaveriEngine – A Call for Self-Reliance
The Kaveri Engine project was India’s dream to build an indigenous fighter jet engine ,but it’s been stalled for years.
Even today, we rely on countries like the U.S. and France for fighter jet engines.
That’s a risk to our… pic.twitter.com/Ax0aMefnDN
— Shilpa Sahu (@shilpasahu432) May 26, 2025
कावेरी इंजन के लिए आवाज उठाएं
Use Kaveri Engine posters everywhere, every time you use #FundKaveriEngine
collected from Twitter.
Nine pictures have been uploaded in this thread; I will add more in this thread when I find new ones. pic.twitter.com/qy7pf3Rhyg
— Sefril (@sefril236) May 26, 2025
क्या है कावेरी इंजन?
कावेरी इंजन DRDO की लैब GTRE (Gas Turbine Research Establishment) द्वारा विकसित किया जा रहा है. ये एक लो-बाईपास ट्विन-स्पूल टर्बोफैन इंजन है, जो करीब 80 किलोन्यूटन थ्रस्ट देने की क्षमता रखता है. इसे शुरुआत में LCA तेजस को पावर देने के लिए बनाया गया था. इसमें FADEC (Full Authority Digital Engine Control) सिस्टम लगा है, जो इंजन की परफॉर्मेंस को हर हाल में बनाए रखता है.
इंजन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वो हाई टेंपरेचर और हाई स्पीड पर भी थ्रस्ट लॉस को कम करे.
कब से चल रहा है प्रोजेक्ट?
कावेरी इंजन प्रोजेक्ट की शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी. इसका मकसद था भारत को फाइटर जेट इंजन के मामले में विदेशी निर्भरता से आजाद करना. लेकिन 1998 में भारत के न्यूक्लियर टेस्ट के बाद लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण जरूरी तकनीकें और मटीरियल नहीं मिल पाए, जिससे प्रोजेक्ट में काफी देरी हुई.
2008 में इसे तेजस प्रोग्राम से अलग कर दिया गया था, लेकिन अब इसका एक वर्जन ‘घातक’ जैसे अनमैन्ड स्टेल्थ एयरक्राफ्ट्स (UCAV) के लिए तैयार किया जा रहा है. इसमें प्राइवेट कंपनियां भी जुड़ी हैं, जैसे कि Godrej Aerospace जो इंजन मॉड्यूल सप्लाई कर रही है.
देरी की वजहें क्या रहीं?
कावेरी इंजन को बनाने में देरी की कई वजहें रहीं –
- भारत के पास जरूरी हाई-एंड मटेरियल जैसे सिंगल क्रिस्टल ब्लेड नहीं थे.
- इंजीनियरिंग टैलेंट और टेस्ट फैसिलिटी की भी भारी कमी थी.
- विदेशों पर निर्भरता, खासकर हाई एल्टीट्यूड टेस्ट के लिए रूस की लैब्स पर.
- फ्रेंच कंपनी Snecma से हुई डील भी सफल नहीं हो पाई.
- सबसे बड़ी बात – बिना टेस्टिंग के तेजस को इस इंजन से उड़ाने की कोशिश, जो बेहद जोखिम भरा था.
अब देखना है कि क्या सरकार इस आवाज को सुनेगी और कावेरी इंजन को फिर से उड़ान भरने का मौका देगी?