
Trump Tariffs Cause Global Markets Meltdown: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ बढ़ाने के फैसले से दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट देखने को मिली. ट्रंप ने साफ कर दिया कि मेक्सिको और कनाडा पर 25% टैरिफ लगाने का फैसला लागू होगा. ट्रंप के बयान के बाद अमेरिकी शेयर बाजार के साथ-साथ एशियाई और यूरोपीय बाजार भी लाल निशान में चले गए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डाउ जोन्स 649.67 अंक गिरा, S&P 500 में 1.76% की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक 2.64% टूटा. ऑटो सेक्टर की कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, खासकर जनरल मोटर्स और फोर्ड के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई.
भारतीय शेयर बाजार भी इस असर से अछूता नहीं रहा. मंगलवार सुबह बीएसई सेंसेक्स 72,753.64 अंकों पर खुला, जो 0.45% नीचे था. वहीं, निफ्टी 50 भी 21,979.85 अंकों पर पहुंच गया, जो 0.64% की गिरावट दर्शाता है.
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कनाडा और मेक्सिको का जवाब
मेक्सिको की सरकार ने कहा कि वे मंगलवार को राष्ट्रपति क्लाउडिया शेनबाम की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जवाब देंगे. राष्ट्रपति शेनबाम ने कहा, "मेक्सिको का सम्मान किया जाना चाहिए। हमारे पास प्लान B, C, और D है."
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि हम जवाब देने के लिए तैयार हैं, हालांकि उन्होंने कोई विस्तृत योजना नहीं बताई. ओंटारियो के प्रीमियर डग फोर्ड ने कहा कि यह टैरिफ "कनाडा-अमेरिका दोनों के लिए आपदा साबित होगा."* उन्होंने अमेरिका को चेतावनी दी कि यदि टैरिफ नहीं हटाया गया तो वे निकेल और बिजली आपूर्ति रोक सकते हैं.
चीन भी देगा जवाब
चीन ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे अमेरिकी कृषि और खाद्य उत्पादों पर कड़े टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं. ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, बीजिंग ने पहले से ही "काउंटर-मेजर्स" तैयार कर ली हैं.
ट्रम्प की 'रेसिप्रोकल टैरिफ' नीति
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में डिजिटल सर्विस टैक्स पर जांच शुरू करने, चीनी जहाजों पर $1.5 मिलियन शुल्क लगाने और तांबा आयात पर टैरिफ लगाने की भी योजना बनाई है.
अमेरिकी अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह नीति महंगाई बढ़ा सकती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल सकती है.