साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण भाद्रपद मास की पूर्णिमा को लग रहा है. गौरतलब है कि 7 सितंबर 2025 की रात को चंद्र ग्रहण लगेगा. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो खगोल शास्त्रियों और हिंदू आध्यात्म की नजर में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह ग्रहण भारत के साथ एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अमेरिका और न्यूजीलैंड जैसे देशों में भी देखा जाएगा. आइये जानते हैं, यह चंद्र ग्रहण कब से कब तक रहेगा? क्या भारत में यह ग्रहण दिखने वाला है? या क्या सूतक काल माना जायेगा? इसके साथ ही जानेंगे कि चंद्र ग्रहण काल में क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए. यह भी पढ़ें : Anant Chaturdashi 2025: अनंत चतुर्दशी पर करें भगवान विष्णु की पूजा, जानें मुहूर्त और गणेश विसर्जन का शुभ समय
भारत में कहां कहां दिखेगा यह चंद्र ग्रहण?
उत्तर भारत: दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ इत्यादि
पश्चिम भारत: मुंबई, अहमदाबाद, पुणे इत्यादि
दक्षिण भारत: चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि इत्यादि
पूर्वी भारत: कोलकाता, भुवनेश्वर, गुवाहाटी इत्यादि
मध्य भारत: भोपाल, नागपुर, रायपुर इत्यादि
चंद्र ग्रहण का समय (7 सितंबर 2025)
प्रारंभ: 09.58 PM (भारतीय समयानुसार)
शीर्ष ग्रहण: 11.42 PM (भारतीय समयानुसार)
समाप्त: 01.26 AM बजे (भारतीय समयानुसार) 8 सितंबर, 2025)
कुल अवधि: लगभग 3 घंटे 28 मिनट
इस चंद्रग्रहण को को नंगी आंखों से सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है, क्योंकि पृथ्वी की छाया में प्रवेश करते समय चंद्रमा धीरे-धीरे धुंधला होता जायेगा.
सूतक काल
हिंदू पंचांग के अनुसार, सूतक काल मूल ग्रहण से लगभग नौ घंटे पहले यानी 7 सितंबर 2025 को दोपहर 12.57 PM बजे (भारतीय समयानुसार) शुरू हो जाएगा. इस दौरान, घर खाना पकाने, नए कार्य शुरू करने, पूजा-पाठ अथवा धार्मिक अनुष्ठान आदि कार्य बाधित होते हैं. बहुत से लोग इस दिन ब्रह्मांडीय ऊर्जा परिवर्तन के संदर्भ में उपवास रखते हैं और ग्रहण समाप्त होने पर गंगा अथवा किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं. इस दरमियान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए.
यह ग्रहण पितृ पक्ष के दौरान पड़ रहा है, इसलिए पूर्वजों को श्रद्धांजलि, (श्राद्ध, तर्पण आदि) देने का पवित्र समय है. बहुत से लोग इस दिन अपने दिवंगत प्रियजनों के लिए आशीर्वाद और शांति पाने के लिए इस दौरान श्राद्ध अनुष्ठान करते हैं.
सूतक काल के दौरान क्या करें, क्या न करें
सूतक काल के दौरान क्या करें
उपवासः चंद्र ग्रहण के दरमियान बहुत से लोग अनुशासन और पवित्रता के प्रतीक के रूप में भोजन से परहेज करते हैं, इसे वह उपवास मानते हैं
मंत्र जाप-प्रार्थनाः चंद्र ग्रहण काल में कुछ लोग पवित्र मंत्रों का पाठ, शास्त्र पढ़ना या ध्यान करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।
सचेतन का अभ्यास करें- आध्यात्मिक चिंतन और सकारात्मक विचारों में संलग्न हों.
संग्रहित भोजन और पानीः पवित्रता बनाए रखने के लिए भोजन, दूध और पानी में तुलसी पत्ता डालें
स्वच्छता- आध्यात्मिक और शारीरिक स्वच्छता बनाए रखने के लिए ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करें.
सूतक काल में क्या न करें
खाना पकाने और खाने से बचें- सूतक काल के दौरान ताज़ा भोजन न बनाना चाहिए, नहीं खाना चाहिए.
धार्मिक अनुष्ठान नहीं- पूजा, विवाह या कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित है.
नए कार्य शुरू करने से बचें- इस दौरान नए उद्यम, सौदे या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से मना किया जाता है.
गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां- ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलने, ग्रहण नहीं देने की सलाह विद्वान देते हैं.
सेक्स से बचें- ग्रहण काल में स्त्री पुरुष को शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए.













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