IndiGo Crisis: इंडिगो चेयरमैन ने सरकारी नियमों को प्रभावित करने के आरोपों को किया खारिज, बोले- ‘ये दावे गलत हैं’
विक्रम सिंह मेहता और इंडिगो (Photo Credits: ANI/Wikimedia Commons)

IndiGo Crisis: इंडिगो (IndiGo) के चेयरमैन विक्रम सिंह मेहता (Vikram Singh Mehta) ने बुधवार को एक वीडियो बयान जारी कर एयरलाइन पर लगे सभी गंभीर आरोपों को खारिज किया. यह बयान उस समय आया है जब पिछले सप्ताह से फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (Flight Duty Time Limitation)यानी (FDTL) नियमों को ठीक से लागू न कर पाने के कारण इंडिगो (IndiGo) को हजारों उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. केंद्र सरकार ने अब IndiGo को अपने ऑपरेशंस में 10% की कटौती करने का निर्देश दिया है. वहीं, एयरलाइन के CEO पीटर एल्बर्स को गुरुवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने तलब किया है.

इंडिगो चेयरमैन ने क्या कहा?

अपने वीडियो संदेश में मेहता ने कहा, ‘पिछले सप्ताह में हमें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा—कुछ सही, कुछ गलत.’ उन्होंने स्वीकार किया कि ‘सही आलोचना’ में ग्राहकों को हुई असुविधा, यात्रियों, सरकार, शेयरहोल्डर्स और कर्मचारियों के प्रति जवाबदेही शामिल है.

लेकिन उन्होंने उन आरोपों को ‘गलत और निराधार’ बताया, जिनमें कहा जा रहा है कि इंडिगो ने खुद यह संकट खड़ा किया. सरकार के नियमों को प्रभावित करने की कोशिश की, सुरक्षा से समझौता कियाऔर बोर्ड इस प्रक्रिया में शामिल नहीं था.

उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये दावे गलत हैं. इंडिगो ने पायलट फटीग (थकान) नियमों का पूरा पालन किया है. हमने जुलाई और नवंबर दोनों में नए नियमों के तहत ही ऑपरेट किया. यह भी पढ़ें: Indigo Crisis: सरकार का इंडिगो पर बड़ा एक्शन; उड़ानों में 10% की कटौती, एविएशन मंत्री से मिले एयरलाइन के CEO

सरकारी नियमों को प्रभावित करने के आरोपों को किया खारिज

संकट की वजह क्या बताई?

मेहता ने कहा कि यह अव्यवस्था किसी जानबूझकर की गई कार्रवाई के कारण नहीं हुई, बल्कि कई आंतरिक व बाहरी कारणों से पैदा हुई, जिनमें शामिल हैं- छोटे तकनीकी मुद्दे, सर्दियों के शेड्यूल से जुड़े बदलाव, प्रतिकूल मौसम, एविएशन सिस्टम में बढ़ती भीड़ और अपडेटेड क्रू रोस्टरिंग नियमों का प्रभाव. उन्होंने कहा कि बोर्ड इस मामले में ‘कई महीनों से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ’ था. यह दावा भी गलत है कि बोर्ड शामिल नहीं था.

इंडिगो का दावा—ऑपरेशंस वापस सामान्य स्थिति में

चेयरमैन मेहता ने बताया कि बोर्ड ने पहले ही दिन इमरजेंसी मीटिंग  बुलाई. एक क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप  बनाया, जिसके नतीजे स्पष्ट रूप से सकारात्मक रहे.

आगे उन्होंने कहा कि ऑपरेशंस उम्मीद से पहले नॉर्मल हो चुके हैं. कई सौ करोड़ रुपये के रिफंड प्रोसेस कर दिए गए हैं. होटल व ट्रैवल सहायता दी गई है और देरी वाला बैगेज भी डिलीवर किया जा रहा है.

आपको बता दें कि बुधवार को लगभग 220 फ्लाइट्स रद्द हुईं, जिनमें दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु एयरपोर्ट्स पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ा. अंत में, उन्होंने बताया कि बोर्ड ने यह निर्णय लिया है कि बाहरी तकनीकी विशेषज्ञों को जोड़ा जाएगा ताकि समस्या की जड़ तक पहुंचा जा सके और ऐसी स्थिति दोबारा न हो.