19-Minute Viral Video Sparks Police Warning: वायरल 19 मिनट वीडियो को लेकर पुलिस ने दी चेतावनी, कहा- AI जनरेटेड है; शेयर करने पर हो सकती है 7 साल की जेल
पुलिस ने AI जनरेटेड क्लिप शेयर करने के खिलाफ चेतावनी दी (फोटो: इंस्टाग्राम)

19-Minute Viral Video: सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे 19 मिनट (19-Minute Viral Video) के एक वीडियो ने तहलका मचा रखा है. हर कोई इसे देखना चाहता है और इसके लिए किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक कर रहे हैं. सायबर फ्रॉड फिशिंग लिंक के जरिए लोगों के फोन में मेलवेयर भेज रहे हैं और उनका फोन हैक कर ले रहे हैं. 19 मिनट के वीडियो के चक्कर में कई लोगों के साथ सायबर फ्रॉड हो चुका है. जिसके बाद से इस वीडियो ने पुलिस का ध्यान आकर्षित किया है. यह क्लिप, जिसमें कथित तौर पर एक युवा जोड़ा निजी पलों में दिखाई देता है, नवंबर के अंत में सामने आई थी और इसके बाद कई प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई. यह भी पढ़ें: The 19-Minute Viral MMS: एमएमएस का क्रेज़ नहीं, हमारी डिजिटल भूख समस्या है, नाइनटीन मिनट वायरल वीडियो सर्च लिंक पर क्लिक कर सायबर जाल में फंस रहे लोग

पुलिस ने बताया 19 मिनट वीडियो AI जनरेटेड है

19 मिनट वीडियो को लेकर पुलिस ने बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि यह AI जनरेटेड है. अधिकारियों ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे इसे फॉरवर्ड या रीपोस्ट न करें. NCB साइबर सेल के अधिकारी अमित यादव ने कहा, “वायरल वीडियो AI जनरेटेड है. हमने यह भी पाया है कि इसका तथाकथित पार्ट 2 और पार्ट 3 भी नकली हैं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए गए हैं.” उन्होंने यूज़र्स को सलाह दी कि संदिग्ध क्लिप की जांच SiteEngine जैसी वेबसाइटों से की जा सकती है, जो AI से बने कंटेंट का पता लगाने में सक्षम हैं. यादव ने लोगों से अपील की कि वे इस तरह के वीडियो को तुरंत शेयर करना बंद करें, क्योंकि ऐसा कंटेंट साझा करना गंभीर अपराध माना जाता है.

19 मिनट वीडियो AI जनरेटेड है

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अश्लील कंटेंट शेयर करने पर 7 साल तक की जेल हो सकती है

भारतीय कानून में इस तरह के कंटेंट को शेयर करने पर सख्त दंड का प्रावधान है. IT एक्ट की धारा 67 के तहत अश्लील सामग्री प्रसारित करने पर तीन साल की जेल और ₹5 लाख का जुर्माना हो सकता है. वहीं, धारा 67A सेक्शुअली एक्सप्लिसिट कंटेंट साझा करने पर पांच साल की सज़ा और ₹10 लाख का जुर्माना निर्धारित है. बार-बार अपराध करने पर सज़ा सात साल तक बढ़ सकती है. इसके अलावा, ऐसे वीडियो साझा करना व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन भी है, जिसके लिए IPC की धारा 292, 293 और 354C के तहत कार्रवाई की जा सकती है.

AI जनरेटेड फर्जी वीडियो के जरिए लोगों को ठग रहे हैं सायबर फ्रॉड

इस वीडियो की आड़ सायबर फ्रॉड सक्रीय हो गए हैं और लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. पीड़ित का गोपनीय जानकारी और फोन हैक कर बैंक अकाउंट खाली कर दे रहे हैं.

साइबर सेल की यह चेतावनी उस समय आई है जब AI-आधारित डीपफेक वीडियो गलत जानकारी फैलाने और लोगों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाने का बड़ा माध्यम बनते जा रहे हैं. पुलिस ने नागरिकों से ऑनलाइन सतर्क रहने, ऐसे क्लिप्स से दूर रहने और मिलते ही तुरंत रिपोर्ट करने की अपील की है.