मुंबई में 'खराब खाने' को लेकर हुई हाथापाई; शिव सेना विधायक संजय गायकवाड़ के थप्पड़ कांड के बाद FDA की कार्रवाई शुरू; Video वायरल
FDA Collects Food Samples From Akashvani Hostel Canteen

मुंबई के आकाशवाणी MLA हॉस्टल की कैंटीन में परोसे गए कथित बासी खाने को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ ने 8 जुलाई को एक कैंटीन कर्मचारी के साथ मारपीट की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. वीडियो में गायकवाड़ कर्मचारी को थप्पड़ और घूंसे मारते नजर आते हैं, जिसे देखकर अन्य लोग बीच-बचाव करते हैं.

इस घटना के अगले ही दिन यानी 9 जुलाई को खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) हरकत में आ गया. अधिकारियों ने हॉस्टल की कैंटीन का दौरा किया और पनीर, तुअर दाल, शेज़वान चटनी और तेल के सैंपल एकत्र किए. ये सभी नमूने लैब भेजे गए हैं और 14 दिन के भीतर रिपोर्ट आने की उम्मीद है.

विधायक बोले- “खाना इंसान के खाने लायक नहीं था”

विधायक संजय गायकवाड़ ने अपनी सफाई में कहा कि कैंटीन में परोसा गया खाना इंसान के खाने लायक नहीं था. उनका कहना है कि दाल में अजीब गंध थी और स्वाद भी खराब था, जिससे नाराज होकर उन्होंने प्रतिक्रिया दी. हालांकि, सोशल मीडिया पर उनकी इस हरकत की आलोचना हो रही है और कई लोग इसे बेदर्द और असंवेदनशील बता रहे हैं.

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कर्मचारी संगठनों और विपक्ष का विरोध

इस घटना के बाद कर्मचारी संगठनों ने विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं, विपक्षी दलों ने इसे सत्ता के नशे में चूर नेता का अमानवीय व्यवहार बताया है. "अगर खाना खराब था तो शिकायत दर्ज कराते, मारपीट करना किसी भी हाल में जायज़ नहीं है," - ऐसा विरोधी नेताओं ने कहा.

क्या कहते हैं कानून?

सरकारी कैंटीनों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की निगरानी का जिम्मा FDA का होता है. यदि जांच में खाने में गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित ठेकेदार पर जुर्माना या लाइसेंस रद्द तक की कार्रवाई हो सकती है. हालांकि, मारपीट जैसी घटनाओं पर अलग से दंडात्मक कार्रवाई होती है, जिसमें पुलिस एफआईआर दर्ज कर सकती है.