Navratri 2025: महाष्टमी पर मंगलवार को मां दुर्गा की षोडशोपचार पूजा, कुंवारी पूजन का है विशेष महत्व
दुर्गाष्टमी 2025 (Photo Credits: File Image)

नई दिल्ली, 29 सितंबर : आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि मंगलवार को है. इस दिन दुर्गा अष्टमी और संधि पूजा है. इस तिथि को सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा धनु राशि में रहेंगे. द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह के 11 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर के 3 बजकर 9 मिनट से शुरू होकर 4 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. महाष्टमी के दिन मां दुर्गा की आराधना का आरंभ महास्नान और षोडशोपचार पूजा से किया जाता है. यह पूजा महासप्तमी के समान ही होती है, लेकिन प्राण-प्रतिष्ठा केवल महासप्तमी को होती है.

महाष्टमी पर नौ छोटे कलशों में मां दुर्गा के नौ शक्ति स्वरूपों का आह्वान किया जाता है. इन नौ रूपों की पूजा-अर्चना कर भक्त माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इसके अलावा, इस दिन कुंवारी कन्या पूजन का विशेष महत्व है. इस दिन अविवाहित कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है. कुंवारी पूजा नवरात्रि उत्सव का अभिन्न हिस्सा है और महाष्टमी को इसे विशेष रूप से एक दिवसीय पूजा के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ें : Dussehra 2025 Quotes: दशहरा साहस, सत्य और धर्म का पर्व है’ ऐसे कोट्स एवं शुभकामनाएं भेजकर विजयादशमी की मूल भावनाओं को जीवित रखें!

इस दिन माता की आराधना करने के लिए घर के मंदिर में गाय के गोबर के उपले पर पान, लौंग, कपूर, इलायची, गूगल और कुछ मीठा डालकर धुनी देना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से माता सभी कष्टों का निवारण करती हैं. साथ ही मां भवानी के मंदिर में पान का बीड़ा (पान के पत्ते पर मसाला) चढ़ाएं, जिसमें कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा और लौंग का जोड़ा हो, लेकिन सुपारी और चूना न डालें.

नवरात्रि उत्सव के दौरान संधि पूजा का विशेष महत्व है, जो अष्टमी तिथि के अंत और नवमी तिथि के आरंभ के समय की जाती है. मान्यताओं के अनुसार, इसी समय देवी चामुंडा चण्ड और मुण्ड नामक राक्षसों का वध करने के लिए प्रकट हुई थीं. संधि पूजा लगभग 48 मिनट तक चलती है और इसका मुहूर्त दिन में किसी भी समय पड़ सकता है. यह पूजा केवल इसी निर्धारित समय पर संपन्न की जाती है और इसका अपना विशेष महत्व है. महाष्टमी और संधि पूजा का यह पावन दिन भक्तों के लिए मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने का सुनहरा अवसर है. इन उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं.