क्लास में दोस्त का मर्डर कैसे करूं? छात्र ने ChatGPT से पूछा सवाल फिर पुलिस ने किया गिरफ्तार
Representational Image | Pixabay

आज के समय में लोग AI से किस किस तरह के सवाल पूछ रहे हैं इसका एक चौंकाने वाला मामला अमेरिका के फ्लोरिडा से सामने आया है. यहां 13 साल के एक छात्र ने क्लास के दौरान स्कूल कंप्यूटर पर एक ऐसा सवाल पूछ लिया जिसने पूरे स्कूल में हड़कंप मचा दिया. छात्र ने AI चैटबॉट ChatGPT से पूछा, "क्लास के बीच में अपने दोस्त को कैसे मारूं?" इस खतरनाक सवाल के कुछ ही सेकंड बाद सिस्टम ने अलर्ट जारी कर दिया और पुलिस ने छात्र को गिरफ्तार कर लिया.

यह घटना Southwestern Middle School डेलैंड, फ्लोरिडा की है. छात्र ने स्कूल द्वारा जारी लैपटॉप से यह सवाल पूछा था. जैसे ही उसने यह क्वेरी टाइप की, स्कूल में मौजूद एक डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम Gaggle ने उसे तुरंत डिटेक्ट कर लिया. यह सिस्टम ऐसे खतरनाक या संदिग्ध संदेशों को ट्रैक करता है और तुरंत स्कूल प्रशासन व पुलिस को अलर्ट भेजता है.

कुछ ही पलों में स्कूल में मौजूद रिसोर्स ऑफिसर ने छात्र को हिरासत में ले लिया और स्थिति को कंट्रोल में किया.

हमारे बेटे की मौत के लिए ChatGPT जिम्मेदार; माता-पिता ने OpenAI और CEO सैम ऑल्टमैन पर किया केस.

“सिर्फ मजाक कर रहा था”, बोला आरोपी बच्चा

पुलिस पूछताछ में छात्र ने दावा किया कि उसका किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. उसने बताया कि वह “बस मजाक में” या “किसी दोस्त को ट्रोल करने” के लिए ऐसा कर रहा था. हालांकि अधिकारियों ने इसे हल्के में नहीं लिया, क्योंकि इस तरह की धमकियां स्कूल सुरक्षा के लिए गंभीर मानी जाती हैं.

ChatGPT पर भरोसा पड़ा भारी; जिन लक्षणों को बताया सामान्य असलियत में निकला जानलेवा कैंसर.

छात्र को भेजा गया डिटेंशन सेंटर

पुलिस ने बच्चे को गिरफ्तार कर स्थानीय जुवेनाइल डिटेंशन फैसिलिटी भेज दिया. फिलहाल उस पर कौन-कौन से आरोप लगाए जाएंगे, इसका खुलासा नहीं हुआ है. मामले की जांच जारी है.

बच्चों द्वारा AI का गलत इस्तेमाल

यह घटना एक बार फिर इस बात पर गंभीर सवाल उठाती है कि कैसे बच्चे AI तकनीक का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. स्कूलों में मॉनिटरिंग सिस्टम भले ही सक्रिय हैं, लेकिन डिजिटल जिम्मेदारी की समझ भी उतनी ही जरूरी है.

विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को AI और इंटरनेट के इस्तेमाल के नियमों और संभावित परिणामों के बारे में जागरूक करना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है.