आयरलैंड के एक 37 वर्षीय वॉरेन टियरनी (Warren Tierney) को कुछ समय से अपनी तबीयत खराब महसूस हो रही थी. उन्हें खाने-पीने में दिक्कत थी और शरीर कमजोर लग रहा था. डॉक्टर के पास जाने की बजाय उन्होंने ChatGPT से अपने लक्षण शेयर किए. ChatGPT ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके लक्षण कैंसर से मेल नहीं खाते. कुछ समय बाद उनकी स्थिति और गंभीर हो गई. जब वे आपातकालीन विभाग (Emergency Department) पहुंचे तो डॉक्टरों ने जांच में पाया कि उन्हें स्टेज-4 एडेनोकार्सिनोमा ऑफ इसोफेगस (Adenocarcinoma of the Esophagus) है. यह गले और भोजन नली से जुड़ा कैंसर है, जिसमें औसतन 5 साल तक जीवित रहने की संभावना केवल 5 से 10 प्रतिशत होती है.
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ChatGPT पर भरोसा करना पड़ा भारी
वॉरेन ने बताया कि ChatGPT पर भरोसा करना उनकी बड़ी गलती साबित हुई. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि चैटजीपीटी ने मेरी गंभीर समस्या को देर से समझने पर मजबूर किया. एआई अक्सर वही जवाब देता है, जो आपको सुनना अच्छा लगे, ताकि आप उससे जुड़े रहें. इसी वजह से मेरा लगभग दो महीने बर्बाद हो गए, और अब मैं मुश्किल में हूं."
AI का जवाब – "हम डॉक्टर नहीं हैं"
इस घटना पर ChatGPT की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है. कंपनी का कहना है कि उनका सॉफ्टवेयर किसी भी बीमारी का इलाज या मेडिकल डायग्नोसिस करने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है. यह सिर्फ जानकारी साझा करने का माध्यम है, लेकिन यह प्रोफेशनल मेडिकल एडवाइस का विकल्प नहीं हो सकता.
AI नहीं, डॉक्टर पर करें भरोसा
वॉरेन अब लोगों से अपील कर रहे हैं कि स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी समस्या पर सीधे डॉक्टर से सलाह लें. याद रखें कि टेक्नोलॉजी मददगार हो सकती है, लेकिन जब बात जिंदगी की हो स्वास्थ्य की हो, तो एआई पर आंख मूंदकर भरोसा करना खतरनाक साबित हो सकता है. स्वास्थ्य या किसी भी बीमारी, बीमारी के लक्षण के लिए डॉक्टर के पास जाएं. AI को डॉक्टर न समझें.













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