नई दिल्ली: देशभर के हवाईअड्डों पर हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है, क्योंकि इंडिगो की लगातार उड़ान रद्दीकरण और देरी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. यात्रियों की बढ़ती मुश्किलों को देखते हुए केंद्र सरकार शुक्रवार को हरकत में आई और इंडिगो की परिचालन अव्यवस्था पर उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी किए. यह फैसला तब आया जब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उड़ानों की स्थिति को स्थिर करने के लिए कई तात्कालिक कदम उठाने की घोषणा की.
इंडिगो संकट के बीच यात्रियों की मदद के लिए आगे आया रेलवे, कई ट्रेनों में बढ़ाए गए अतिरिक्त कोच.
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो को निर्देश दिए हैं कि वह बिना किसी देरी के कई महत्वपूर्ण परिचालन सुधार लागू करे, ताकि स्थिति तेजी से सामान्य हो सके. केंद्र का कहना है कि इन निर्देशों के त्वरित पालन के आधार पर यह उम्मीद है कि अगले 24 घंटों में उड़ान अनुसूची स्थिर होने लगेगी और अगले तीन दिनों के भीतर पूरी तरह सामान्य स्थिति वापस आ जाएगी.
पीआईबी द्वारा जारी बयान में नायडू ने पुष्टि की कि सरकार ने इस अव्यवस्था के मूल कारणों की जांच शुरू कर दी है. यह जांच इस बात का पता लगाएगी कि इंडिगो की संचालन प्रणाली में कहाँ चूक हुई, किसकी जिम्मेदारी तय होती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है.
FDTL आदेश पर रोक, यात्रियों के हित में लिया गया फैसला
मंत्रालय ने बताया कि DGCA के Flight Duty Time Limitations (FDTL) से जुड़ी जो नई व्यवस्था लागू की जानी थी, उसे तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. सरकार ने स्पष्ट किया कि हवाई सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा, लेकिन यह कदम केवल यात्रियों विशेषकर बुजुर्गों, छात्रों और मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखकर उठाया गया है, ताकि उन्हें जरूरी यात्रा में कठिनाई न हो.
नायडू ने कहा कि केंद्र यात्रियों की परेशानियों से पूरी तरह अवगत है और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है. एयरलाइनों और संबंधित एजेंसियों के साथ लगातार बातचीत जारी है, ताकि यात्रियों को अधिक राहत मिल सके.
इंडिगो संकट की जड़ तक पहुंचेगी चार सदस्यीय DGCA समिति
इंडिगो के बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द होने और देरी के पीछे जो संचालन संबंधी विफलताएं सामने आईं, उनकी जांच के लिए DGCA ने चार सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की है. DGCA के अनुसार यह अव्यवस्था इसलिए पैदा हुई क्योंकि इंडिगो नई FDTL नियमावली के लिए आवश्यक योजना, क्रू उपलब्धता, प्रशिक्षण कार्यक्रम और रोस्टर तैयार करने में समय पर असफल रहा.
नवंबर के अंत से शुरू हुई इस गड़बड़ी के कारण इंडिगो की रोजाना रद्द होने वाली उड़ानों की संख्या 170-200 प्रति दिन तक पहुंच गई. DGCA ने बताया कि इंडिगो ने भी अपनी योजना में हुई कमियों को स्वीकार किया है.
समिति में संयुक्त महानिदेशक संजय के. ब्रम्हाणे, उप महानिदेशक अमित गुप्ता, SFOI कैप्टन कपिल मंगिल और FOI कैप्टन लोकेश रामपाल को शामिल किया गया है. यह पैनल 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, जिसमें सुधारात्मक कदमों और जवाबदेही तय करने के सुझाव शामिल होंगे.













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