पुतिन के दौरे से क्या उम्मीद? भारत को आर्थिक मोर्चे पर नए अवसर और मजबूत साझेदारी की आस
Russian President Vladimir Putin and PM Modi

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के भारत दौरे को लेकर सरकार के भीतर खासा उत्साह है. उम्मीद जताई जा रही है कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे तथा भारतीय उद्योगों के लिए नए अवसर खुलेंगे. पुतिन एक बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए हैं, जो इस बात का संकेत है कि रूस भारत के साथ व्यापारिक साझेदारी को गंभीरता से आगे बढ़ाना चाहता है.

सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत और रूस के बीच बातचीत में भारतीय निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, कृषि उत्पाद और समुद्री खाद्य पदार्थ जैसे क्षेत्रों में भारत अपने एक्सपोर्ट में बड़ी वृद्धि की उम्मीद कर रहा है.

रूसी राष्ट्रपति पुतिन पहुंचे दिल्ली, PM मोदी ने गले लगाकर किया दोस्त का स्वागत.

बातचीत का एजेंडा

पुतिन गुरुवार शाम नई दिल्ली पहुंचे और पीएम मोदी के आवास पर उनके साथ डिनर मीटिंग की. यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच महत्वपूर्ण आर्थिक और रणनीतिक मुद्दों पर आगे की दिशा तय करेगी. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय उत्पादों के लिए बड़े बाज़ार की संभावनाओं पर गहन चर्चा होगी, जिससे देश में नौकरियां बढ़ेंगी और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.

पुतिन के इस दौरे के दौरान कई समझौते और MoUs पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. लोगों के बीच आदान-प्रदान, सांस्कृतिक सहयोग, वैज्ञानिक शोध और मोबिलिटी पार्टनरशिप जैसे क्षेत्रों में भी नई साझेदारी देखने को मिल सकती है.

व्यापार बढ़ाने पर जोर

भारत-रूस व्यापार पिछले साल नई ऊंचाइयों पर पहुंचा, लेकिन इसमें बड़ा असंतुलन भी है. 2024-25 में भारत का रूस को निर्यात 4.9 अरब डॉलर रहा, जबकि आयात 63.8 अरब डॉलर के स्तर पर था. लगभग 59 अरब डॉलर के इस बड़े व्यापार घाटे को कम करना भारत की प्राथमिकता है. दोनों देशों ने 2030 तक 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य तय किया है.

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी यह माना कि भारत-रूस व्यापार लगभग 70 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, लेकिन अभी लंबा सफर तय करना बाकी है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों को व्यापार बढ़ाने के साथ-साथ इसे संतुलित करने की दिशा में भी काम करना होगा.

गोयल के अनुसार, भारत उपभोक्ता वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, ऑटोमोबाइल, ट्रैक्टर, भारी वाहन, स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिक उपकरण और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में रूस को निर्यात काफी बढ़ा सकता है.

पुतिन के दौरे की बड़ी प्राथमिकताएं

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन की यात्रा का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना, रक्षा सप्लाई को स्थिर रखना और पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच व्यापार को सुचारू रखना है. रूस-भारत संबंधों पर बाहरी दबावों का असर कम करने के लिए दोनों देश नई रणनीतियों पर काम कर रहे हैं.

मास्को से आए बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी भी यह दर्शाती है कि रूस भारत को अपने प्रमुख आर्थिक साझेदार के रूप में देख रहा है. ऊर्जा, स्वास्थ्य, उर्वरक, शिपिंग और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में भी नई साझेदारियों की उम्मीद है.