Israel-Palestine Dispute: ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी है. इसे एक बड़ा कूटनीतिक फैसला माना जा रहा है, क्योंकि तीनों देश लंबे समय से अमेरिकी नीतियों से सहमत थे. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर (British PM Keir Starmer) ने 'X' पर एक पोस्ट में कहा कि यह फैसला शांति प्रक्रिया को जारी रखने और द्वि-राष्ट्र समाधान को आगे बढ़ाने के लिए लिया गया है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन यह कदम इजराइल के सुरक्षित वातावरण और फिलिस्तीन के एक व्यवहार्य राष्ट्र के रूप में उभरने के उद्देश्य से उठा रहा है.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह फैसला किसी भी तरह से Hamas के लिए "इनाम" नहीं है.
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फिलिस्तीन देश को मान्यता देने का ऐलान
Prime Minister of Australia Anthony Albanese post on X, "My statement formally recognising the State of Palestine."@AlboMP | #AnthonyAlbanese pic.twitter.com/BZf1xWLThL
— United News of India (@uniindianews) September 21, 2025
ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को दे दी मान्यता
Today, to revive the hope of peace for the Palestinians and Israelis, and a two state solution, the United Kingdom formally recognises the State of Palestine. pic.twitter.com/yrg6Lywc1s
— Keir Starmer (@Keir_Starmer) September 21, 2025
इजराइल में फैसले का जताया विरोध
इससे पहले जुलाई में, ब्रिटेन ने शर्तें रखी थीं कि अगर इजराइल युद्धविराम (Israel-Hamas Ceasefire) पर सहमत नहीं होता है, तो फिलिस्तीन को मान्यता दे दी जाएगी. इजराइल ने इस घोषणा का कड़ा विरोध किया और इसे "हमास के लिए इनाम" बताया.
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यह मान्यता 7 अक्टूबर के हमले को उचित ठहराने के बराबर है और इसे जिहादी विचारधारा को बढ़ावा देने के रूप में देखा जाएगा.
कनाडा-ऑस्ट्रेलिया ने भी दी सहमति
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (PM Mark Carney) ने ब्रिटेन से पहले घोषणा की है कि उनका देश फिलिस्तीन को मान्यता देकर एक शांतिपूर्ण और स्थिर भविष्य की आशा करता है. ऑस्ट्रेलिया ने भी यही किया. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज (PM Anthony Albanese) और विदेश मंत्री पेनी वोंग (Foreign Minister Penny Wong) ने एक संयुक्त बयान में कहा कि यह पहल गाजा में तत्काल युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के साथ शुरू होनी चाहिए.
उन्होंने यह भी दोहराया कि भविष्य की फिलिस्तीनी सरकार (Palestinian Government) में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी.













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