Chamoli Molestation Case Fact Check: उत्तराखंड के चमोली जिले से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है. इसमें दिखाया गया है कि लोगों ने नाबालिग लड़की से छेड़खानी करने वाले युवक को पकड़ लिया है. वीडियो के साथ कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि आरोपी मुस्लिम है. इस पोस्ट को देखकर कई लोग गुमराह हो रहे हैं. लेकिन हकीकत कुछ और है. हमारी फैक्ट चेक टीम ने इस दावे की पड़ताल की तो पाया कि यह दावा झूठा है. उत्तराखंड पुलिस ने खुद अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर सफाई दी है. पुलिस ने साफ कहा है, "अफवाहों से बचें, सच्चाई जानें."
आरोपी की पहचान को लेकर सोशल मीडिया पर फैली अफवाह
This Muslim boy was luring a minor Hindu girl into his room, he was luring the girls into his net by talking sweetly
Now the local Hindus caught him, the rest of his treatment was done properly behind closed camera Pustang Pelai 😂
District chamoli village karnprayag
Nori… pic.twitter.com/YTgsDnkI9A
— Bharatrastrasena (@Bharatrastrsena) August 14, 2025
उत्तराखंड पुलिस ने किया खुलासा
अफवाहों से बचें, सच जानें
08 अगस्त को चमोली के थाना कर्णप्रयाग क्षेत्र में नाबालिग से जुड़े मामले में अभियुक्त अर्जुन (उम्र 21 वर्ष) को बीएनएस एवं पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर उसी दिन गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया गया था। pic.twitter.com/RMGZTFFWGA
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) August 13, 2025
फैक्ट चेक में क्या पता चला?
पुलिस के मुताबिक, यह मामला 8 अगस्त को कर्णप्रयाग थाना क्षेत्र में हुआ था. आरोपी का नाम अर्जुन है, जिसकी उम्र 21 साल है. उस पर BNS और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया. पुलिस ने उसी दिन आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
यानी जो दावा किया जा रहा है कि आरोपी मुस्लिम है, वह बिल्कुल गलत है. पुलिस की जांच और बयान के मुताबिक युवक की धार्मिक पहचान सोशल मीडिया पर फैलाई गई बातों से अलग है.
वायरल खबर पर भरोसा करने से बचें
यह पहली बार नहीं है जब किसी अपराध से जुड़े मामले में आरोपी की पहचान को लेकर अफवाह फैलाई गई हो. कई बार सोशल मीडिया पर आधी-अधूरी जानकारी या मनगढंत बातें पोस्ट कर दी जाती हैं, जिससे लोग भ्रमित हो जाते हैं. ऐसे में जरूरी है कि किसी भी वायरल खबर पर भरोसा करने से पहले उसकी सच्चाई चेक की जाए.
फैक्ट चेक के नतीजे साफ बताते हैं कि चमोली का यह मामला संवेदनशील है और इसे गलत तरीके से सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई. पुलिस ने समय रहते स्थिति स्पष्ट की, जिससे अफवाह फैलने से रोका जा सके.













QuickLY