Fact Check: कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को दिखाने के लिए अमेरिकी CEO ने बनाया नया मैप? जानिए पूरी सच्चाई
फर्जी पोस्ट (Photo Credits: Twitter)

देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है. इस बीच सोशल मीडिया पर खासकर फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कई तरह के फर्जी दावे किए जा रहे हैं. पिछले कई दिनों से झूठे दावे के साथ भारत का एक पुराना मैप वायरल हो रहा है. इस मैप में भारतीय राज्यों की तुलना जनसंख्या के आधार पर अन्य देशों से की गई है और कहा जा रहा है कि इस मैप को एक अमेरिकी सीईओ ने बनाया है. जिससे वह अपने कर्मचारियों को समझा सके कि भारत किस प्रकार कई देशों की कोरोना से हुई स्थिति एक साथ संभाल रहा है.

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव (Ram Madhav) ने भी इस वायरल मैप को ट्वीट किया है. हालांकि किसी भी पोस्ट में न तो अमेरिकी सीईओ का नाम बताया गया है और न ही सीईओ की कंपनी की जानकारी दी गई है. अप्रैल 2016 में इसी मैप को नार्वे के राजनयिक और पूर्व मंत्री एरिक सोल्हेम (Erik Solheim) ने भारतीय आबादी में वृद्धि के बारे में जानकारी देने के मकसद से शेयर किया गया था. इससे यह साफ है कि यह कोई नया मैप नहीं बल्कि कई साल पहले बनाया हुआ मैप है. फिर भी लोग इसे व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर सहित कई सोशल प्लेटफार्मों पर साझा कर रहे है. Fact Check: यूनेस्को ने भारत के लॉकडाउन को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ लॉकडाउन घोषित किया? जानिए पूरी सच्चाई

लेटेस्टली की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि पोस्ट का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है. यह मैप आठ साल पुरानी है. इस मैप को सबसे पहले 2012 में Quora पर अर्पण श्रीवास्तव (Arpan Srivastava) ने साझा किया था. इसके जरिए उन्होंने भारत की जनसंख्या यूरोपीय संघ से दोगुने से अधिक होने की बात समझाई है. यहां उनके Quora पोस्ट का लिंक दिया गया है. Fact Check: पीएम मोदी ने देशवासियों से की दीया जलाने की अपील, क्या इससे मर जाएगा कोरोना वायरस? जाने वायरल मैसेज की सच्चाई

वायरल मैप में उत्तर प्रदेश की आबादी की तुलना ब्राजील से की गई है. जबकि महाराष्ट्र की आबादी को मैक्सिको, गुजरात की आबादी को दक्षिण अफ्रीका, राजस्थान की आबादी को यूनाइटेड किंगडम के बराबर दर्शाया गया है. ऐसे ही अन्य राज्यों को भी दर्शाया गया है. इसलिए, यह स्पष्ट है कि इस मैप का कोविड-19 महामारी की स्थिति से कोई संबंध है. इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.