Auto Industry Job Crisis: दुनिया की जानी-मानी ऑटो पार्ट्स निर्माता कंपनी Bosch ने एक बार फिर बड़ी छंटनी का ऐलान किया है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी जर्मनी के दक्षिणी हिस्से में स्थित अपने प्लांट से करीब 1,100 कर्मचारियों को बाहर करने जा रही है. इस फैसले का असर उन कर्मचारियों पर पड़ेगा, जो असेंबली लाइन और बैक ऑफिस में काम कर रहे थे. Bosch की ये छंटनी उस समय हो रही है जब पूरी दुनिया में ऑटो इंडस्ट्री मंदी और प्रतिस्पर्धा से जूझ रही है. टेक सेक्टर की तरह अब ऑटोमोबाइल सेक्टर भी आर्थिक दबावों की चपेट में आ चुका है.
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'चीनी कंपनियों की एंट्री के बाद हालात हुए कठिन'
Bosch के इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख डिर्क क्रेस ने बयान जारी कर कहा कि यूरोपीय मार्केट में स्टीयरिंग सिस्टम का बाजार बहुत प्रतिस्पर्धी हो गया है. चीनी कंपनियों की एंट्री के बाद हालात और कठिन हो गए हैं. इन हालातों में जर्मनी के Reutlingen प्लांट से स्टीयरिंग सिस्टम बनाना कंपनी के लिए अब फायदेमंद नहीं रह गया है.
डिर्क क्रेस ने यह भी कहा कि यह फैसला लेना आसान नहीं था. लेकिन अगर प्लांट को भविष्य में बचाए रखना है तो यह कदम उठाना जरूरी हो गया था.
अन्य यूनिट्स पर भी पड़ सकता है असर!
उन्होंने यह साफ नहीं किया कि छंटनी स्वैच्छिक रिटायरमेंट के जरिए की जाएगी या फिर अनिवार्य रूप से कर्मचारियों को बाहर निकाला जाएगा. इस प्लांट में अब फोकस सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पर रहेगा.
हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस फैसले से कंपनी के अन्य यूनिट्स पर कोई असर पड़ेगा या नहीं.
शेयर गिरने से निवेशकों में चिंता की लहर
गौरतलब है कि पिछले साल यानी 2024 में Bosch ने लगभग 5,500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. इस साल की यह दूसरी बड़ी छंटनी है. ऑटो सेक्टर में यह कोई नई बात नहीं है. इससे पहले Continental, Schaeffler, Porsche, Stellantis और Volkswagen जैसी बड़ी कंपनियां भी इसी तरह की छंटनी कर चुकी हैं.
भारत में Bosch एक लिस्टेड कंपनी है. मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में Bosch का शेयर करीब 1.37% गिरकर ₹37,750 पर बंद हुआ, जबकि पिछला बंद ₹38,320 था. निवेशकों में भी इस खबर से चिंता देखी जा रही है.













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