TCS Layoffs: आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) इन दिनों अपने कथित बड़े पैमाने पर छंटनी को लेकर चर्चा में है. कंपनी ने हाल ही में एक नई बेंच पॉलिसी लागू की और इस साल 12 हजार कर्मचारियों की कटौती का ऐलान किया था. माना जा रहा है कि यह कदम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल को बढ़ाने की दिशा में है, जिससे आउटसोर्सिंग इंडस्ट्री में भारी बदलाव आ सकता है. रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो लाखों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं.
15 मिनट में छीन ली गई नौकरी
इस बीच, सोशल मीडिया पर एक फ्रेशर का अनुभव चर्चा का विषय बन गया है. Reddit पर 'Gigacat01' नाम से पोस्ट करने वाले इस यूजर ने दावा किया कि कंपनी ने उसे सिर्फ 15 मिनट में इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया. उसने लिखा कि कुछ दिन पहले HR का मेल आया था, जिसमें प्रोजेक्ट अलोकेशन पर चर्चा के लिए मीटिंग बुलाने की बात थी. उसे लगा कि यह सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन मीटिंग का नतीजा चौंकाने वाला था.
'इस्तीफा दो या टर्मिनेशन लेटर लो'
उसने बताया कि HR ने सबसे पहले उससे फोन बंद करने को कहा और फिर सीधे दो विकल्प दिए – अभी इस्तीफा दो या फिर टर्मिनेशन लेटर के साथ बिना सैलरी के बाहर जाओ. HR ने यह भी कहा कि अगर वह तुरंत "पर्सनल रीजन" लिखकर इस्तीफा देता है तो तीन महीने की सैलरी और पॉजिटिव रिलीज लेटर मिलेगा.
'आंसू पोंछने का समय नहीं दिया'
फ्रेशर ने आगे लिखा कि उसके पास पहले से प्रोजेक्ट अलोकेशन था, लेकिन HR ने साफ कह दिया कि RMG ने उसकी प्रोफाइल ब्लॉक कर दी है और फिलहाल यहां डिजिटल कैंडिडेट की जरूरत नहीं है. उसने सवाल उठाया कि जब काम ही नहीं देना था तो उसे भर्ती क्यों किया गया. उसके मुताबिक, उसकी बैच के चार और फ्रेशर ने भी इस्तीफा दिया. एक फ्रेशर तो रोने लगा, लेकिन HR ने उसे आंसू पोंछने तक का समय नहीं दिया.
80,000 लोगों की हो सकती है छंटनी!
उसने यह भी आरोप लगाया कि मीडिया में 12 हजार कर्मचारियों की छंटनी की बात हो रही है, लेकिन असल में यह संख्या 80 हजार से ज्यादा हो सकती है, क्योंकि इस्तीफा देने वालों को इस आंकड़े में शामिल नहीं किया जा रहा. फ्रेशर का कहना है कि नए कर्मचारी होने के कारण वह न तो किसी से मदद ले सका, न ही परिवार को फोन कर सका. डर और दबाव में उसने चुपचाप इस्तीफा दे दिया.













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