बीते कुछ साल में दुनियाभर में भारतीय मसालों की महक तेजी से बिखरी है. दरअसल भारतीय मसालों के निर्यात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। साल 2013 में जहां अदरक, केसर और हल्दी का निर्यात 260 करोड़ रुपए था वहीं अब यह 761 करोड़ रुपए की मार्केट का आकार ले चुका है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतीय मसालों के निर्यात में कितनी तेजी आई है. यह भी पढ़े: तेजपत्ता सिर्फ एक मसाला ही नहीं, बल्कि इसमें छुपा है सेहत का खजाना, जानें इसके कमाल के फायदे
केंद्र सरकार के सफल प्रयास
साल 2014 में पीएम मोदी द्वारा केंद्र की सत्ता संभालने के साथ ही देश के अन्नदाताओं के कल्याण के लिए काम होने लगा. किसानों के लिए भारत सरकार तमाम योजनाएं लेकर आईं जिनका असर अब दिखने लगा है. खेती से जुड़े लोगों का जीवन बेहतर हो, इसके लिए पीएम मोदी निरंतर काम कर रहे हैं.
कारोबार में हुई बढ़ोतरी
दरअसल, पीएम मोदी ने यह लक्ष्य तय किया है किसानों की आय को दोगुनी करना है. इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए भारत सरकार पीएम मोदी के नेतृत्व में एक के बाद एक योजनाएं बनाकर उसे धरातल पर उतार रही है. इन योजनाओं का असर अब भारतीय मसाला कारोबार में भी दिखाई पड़ने लगा है.
हल्दी, अदरक और केसर के निर्यात में करीब 192 प्रतिशत की वृद्धि
केंद्र सरकार की सुचारू और संगठित नीति के कारण भारतीय मसालों की मांग विश्व भर में बढ़ी है और निर्यात में जबरदस्त उछाल आया है. पीएम मोदी के आठ साल के कार्यकाल में हल्दी, अदरक और केसर के निर्यात में करीब 192 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अप्रैल-मई 2013 में इन तीनों मसालों का निर्यात जहां 260 करोड़ रुपए का हुआ करता था वहीं अप्रैल-मई 2022 में यह बढ़कर 761 करोड़ रुपए हो गया है.
भारतीय मसालों का उपयोग
मसाला उन कृषि उत्पादों में आता है जिनके उपयोग से भोजन को सुगंधित और स्वादिष्ट, बनाया जाता है. भारत में पाई जाने वाली गुणवत्ता पूर्वक मिट्टी में सभी प्रकार के मसालों की खेती होती है। भारत में उगाए गए मसालों का स्वाद भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. इनके अद्भुत स्वाद और सुगंध की वजह से भारत में मसालों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक देश
बीते वर्ष के आंकड़ों के मुताबिक भारत के कुल मसाला निर्यात में 40 फीसदी से अधिक और मूल्य के आधार पर 29 फीसदी हिस्सेदारी है. निर्यात में हल्दी की मात्रा के आधार पर 11 फीसदी और मूल्य के आधार पर 6 फीसदी की हिस्सेदारी है। भारत से 1,36,000 टन हल्दी का निर्यात होता है, जिसका मूल्य 1216.40 करोड़ रुपए है.
कोविड के समय काफी लोकप्रिय हुई हल्दी
हल्दी अपनी प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुणों की वजह से महामारी के दौर में काफी लोकप्रिय हुई है। इस वजह से उसकी निर्यात मांग भी बढ़ी है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही के दौरान मात्रा केze" >A+