नई दिल्ली, आठ अगस्त: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ यानी ‘इंडिया’ खुद अविश्वास से भरा हुआ है इसलिए अपने घटक दलों के विश्वास को परखने के लिए वह उनके नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. उनके मुताबिक प्रधानमंत्री ने विपक्षी गठबंधन को 'घमंडिया' करार दिया और दिल्ली सेवा विधेयक पर मतदान में ‘सेमीफाइनल’ जीत के लिए पार्टी के राज्यसभा सदस्यों को बधाई दी. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोले किरेन रिजिजू- विपक्ष पछताएगा, I.N.D.I.A नाम देने से कुछ नहीं होगा.
सूत्रों के अनुसार मोदी ने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में मतदान को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले का सेमीफाइनल बताया था. दिल्ली सेवा विधेयक को सोमवार को संसद की मंजूरी मिल गई. राज्यसभा में इस विधेयक पर चर्चा के बाद हुए मतदान में 131 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 101 ने इसके खिलाफ मतदान किया.
बैठक में मौजूद भाजपा के एक सांसद के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘‘विपक्ष अविश्वास से भरा हुआ है... और अपने सहयोगियों का विश्वास परखने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं.’’ बाद में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मोदी के हवाले से कहा कि विपक्ष इस तथ्य के बावजूद अविश्वास प्रस्ताव लाया कि सरकार के पास मजबूत बहुमत है क्योंकि उसके सदस्य देखना चाहते थे कि वे एकजुट हैं या नहीं.
मंगलवार को लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. विपक्ष की ओर से इस चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने की. गोगोई ने मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘मौनव्रत’ तोड़ा जा सके.
लोकसभा में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का विफल होना तय समझा जा रहा है. मोदी ने इस सिलसिले में लोकसभा में होने वाली चर्चा की ओर सदस्यों का ध्यान आकृष्ट करते हुए उनसे कहा कि वे 2024 के चुनावों से पहले आखिरी गेंद पर 'छक्के' लगाएं. उन्होंने 2018 के अपने भाषण का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने विपक्ष से 2023 में उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी.
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके नेता सामाजिक न्याय की बात करते हैं लेकिन उन्होंने वंशवादी, तुष्टिकरण और भ्रष्ट राजनीति से इसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा कि यह समय भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करने का है. मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान सांसदों को रेल मंत्रालय से संबंधित कार्यों के लिए जोर नहीं देना पड़ेगा क्योंकि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रस्तुति दी थी,
जिसमें संकेत दिया गया है कि जारी विकास परियोजनाओं में उनकी मांगों का ध्यान रखा जाएगा.
मेघवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से पार्टी के ‘भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण भारत छोड़ो अभियान’ के संबंध में नौ अगस्त को विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने को कहा.
उन्होंने उनसे विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करने और भारत के विभाजन के दर्द और त्रासदी को उजागर करने के लिए मौन मार्च निकालने के लिए कहा. मोदी ने स्वतंत्रता दिवस से पहले 'हर घर तिरंगा' जैसे अन्य कार्यक्रमों के बारे में भी बात की.
मोदी ने पार्टी नेताओं से यह भी कहा कि वे 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए अपना योगदान देने का संकल्प लेने के लिए घरों तक पहुंचें. मेघवाल ने कहा कि लोग जिलों और राज्यों सहित विभिन्न स्तरों पर सामूहिक शपथ लेंगे. उन्होंने कहा कि इस प्रयास के तहत एक 'अमृत कलश यात्रा' भी आयोजित की जाएगी, जिसके तहत 'अमृत वाटिका' बनाने के लिए मिट्टी या पौधों से भरे 8,500 से अधिक कलश दिल्ली लाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह अभियान सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्टूबर तक चलेगा.