नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने लोकसभा में नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर जमकर प्रहार किया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को आगे चलकर पछतावा होगा कि कितने गलत समय पर यह अविश्वास प्रस्ताव वे लेकर आए. नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस नीत विपक्षी मोर्चे पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और विपक्ष आगे जाकर पछताएगा कि कितने गलत तरीके से और गलत समय अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं. बीजेपी सांसद ने कहा, ‘गठबंधन को I.N.D.I.A नाम देने से कुछ नहीं होगा जबकि आप वास्तव में भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं.’ Delhi Services Bill: राज्यसभा से भी पारित हुआ दिल्ली सर्विस बिल, पक्ष में 131 तो विरोध में पड़े 102 वोट.
किरेन रिजिजू ने कहा, ‘इस अविश्वास प्रस्ताव को गिराने के बाद हम नए संसद भवन में शिफ्ट हो जाएंगे. इस पुराने संसद में शायद ये आखिरी अविश्वास प्रस्ताव को गिराने का हम साक्षी बन रहे हैं. कोई भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का कारण होता है. कांग्रेस पार्टी और विपक्ष लोग ये अविश्वास प्रस्ताव लाकर बाद में पछताएंगे.’
I.N.D.I.A नाम देने से कुछ नहीं होगा
Nothing will happen by naming the alliance I.N.D.I.A when you are actually working against India, says Union Minister & BJP leader Kiren Rijiju during no-confidence motion debate in Lok Sabha. pic.twitter.com/xyR0kDVR1N
— ANI (@ANI) August 8, 2023
2014 के बाद नार्थ-ईस्ट में बदले हालात
अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान लोकसभा में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता किरण रिजिजू ने कहा, '2014 से पहले पूर्वोत्तर के कई लोगों को दिल्ली और देश के अन्य प्रमुख शहरों में नस्लीय भेदभाव और अत्याचार का सामना करना पड़ा था. 2014 के बाद हालात बदले और आजादी के बाद पहली बार गुवाहाटी में डीजीपी कॉन्फ्रेंस हुई. इस बैठक के दौरान पीएम ने निर्देश दिया कि पुलिस पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, 'वे दिन गए जब विदेशी ताकतें भारत को बताती थीं कि क्या करना है और क्या नहीं...आज, कोई भी विदेशी ताकत हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती.'' इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नॉर्थ ईस्ट में 8000 से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है.