भोपाल: हॉन्टेड कहे जाने वाले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पातालपानी रेलवे स्टेशन (Patalpani Railway Station) का नाम जल्द ही बदलने वाला है. हालांकि पातालपानी स्टेशन से बहुत गौरवशाली इतिहास जुड़ा है, जो बहुत कम लोग ही जानते है. एमपी की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की अगुवाई वाली सरकार ने पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम जनजातीय गौरव वीर टंट्या मामा के नाम पर रखने की घोषणा जैसे ही की, यह स्टेशन चर्चा में आ गया. प्रधानमंत्री मोदी ने किया आधुनिक रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन
पातालपानी स्टेशन मध्य प्रदेश के खंडवा के पास स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि अंग्रेजों ने स्वतंत्रता सेनानी टंट्या मामा भील (Tantya Mama) को यहां मारकर फेंक दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज भी पातालपानी से गुजरने वाली सभी ट्रेनें टंट्या मामा की समाधि के पास यहां रुककर पहले सलामी देती है और फिर ही अपने आगे के सफर पर निकलती है. यहां रहने वाले लोग दावा करते है कि अगर कोई ट्रेन टंट्या मामा की समाधि के पास बिना रुके चली जाती है तो उसके साथ अनहोनी होती है.
उल्लेखनीय है कि टंट्या भील आदिवासी आदर्श एवं मध्य प्रदेश के जननायक थे. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि प्रदेश के इंदौर जिले में स्थित पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या भील रेलवे स्टेशन रखा जाएगा. चौहान ने सोमवार को मंडला जिले के रामनगर में जनजातीय गौरव सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या भील रेलवे स्टेशन होगा.’’ उन्होंने कहा कि इंदौर स्थित भंवर कुआं चौराहे का नाम भी टंट्या भील चौराहा और इंदौर में एमआर-10 बस स्टैंड का नाम भी टंट्या भील बस स्टैंड किया जाएगा. यह बस स्टैंड 53 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पातालपानी स्थित टंट्या भील मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा और मंडला में एक मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा, जिसका नाम राजा हृदय शाह मेडिकल कॉलेज होगा. उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मानपुर का नाम टंट्या भील स्वास्थ्य केन्द्र होगा. चौहान ने कहा “जनजातीय नायकों ने स्वतंत्रता संग्राम में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हमारी जनजातियों के गौरव को अंग्रेजों ने समाप्त करने के सारे प्रयास किये. हम इसे पुन: स्थापित कर रहे हैं.”