Ganeshotsav 2025: कोई भी जाप 108 बार क्यों किये जाते हैं? जानें गणेश जी के 108 नामों का रहस्य और इससे मिलने वाले लाभ!

  सनातन धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता’, ‘बुद्धिदाता’, और मंगलकर्ता के रूप में जाना जाता है. भगवान गणेश हर शुभ कार्य की शुरुआत में सर्वप्रथम पूजे जाते हैं. गणेश जी के 108 नामउनके विभिन्न स्वरूपोंगुणों और कार्यों का प्रतीक हैं. इन नामों के उच्चारण से भक्तों को आध्यात्मिक लाभमानसिक शांति और जीवन में सफलताएं प्राप्त होती है, भगवान गणेश अपने भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं.

गणेश जी के 108 नामों का महत्व

संस्कृत में 108 को एक पवित्र संख्या माना गया है. हिंदू धर्म में, 108 नामों की स्तुति से किसी भी देवता की उपासना को पूर्ण माना जाता है. गणेश जी के ये 108 नाम उनके विभिन्न गुणोंकार्योंरूपों और लीलाओं को दर्शाते हैं. यह भी पढ़ें : Hartalika Teej 2025 Wishes: हरतालिका तीज की इन हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, GIF Greetings के जरिए दें सखी-सहेलियों को शुभकामनाएं

गणेश जी के 108 नामों को जपने से लाभ:

* बुद्धि और ज्ञान प्राप्त होती है.

रोगशोक और बाधाओं का नाश होता है.

कर्मों का शुद्धिकरण होता है.

* मन को शांति और स्थिरता मिलती है.

गणेश जी के प्रमुख नामों के अर्थ और उनसे जुड़ी कहानी

* गणपतिः समस्त गणों के स्वामी. देवताओं के नेतृत्व की क्षमता के कारण उन्हें यह नाम मिला.

* विनायकः – सभी कार्यों को निर्विघ्न करने वाले.

* विघ्नेश्वरः – विघ्नों के स्वामी और नाशक.

* एकदंतः – एक ही दांत वाले. पौराणिक कथा के अनुसारउन्होंने परशुराम से युद्ध में एक दांत खोया था.

* गजाननः – हाथी के समान मुख वाले.

* लम्बोदरः बड़े पेट वालेजो समस्त ब्रह्मांड को धारण करता है

* स्कंदपूर्वजः कार्तिकेय (स्कंद) के बड़े भाई.

* सिद्धिविनायकः सिद्धियों को देने वाले.

* धूम्रवर्णः – धुएं के रंग जैसे वर्ण वाले. यह उनके एक उग्र रूप को दर्शाता है.

* बालचंद्रः मस्तक पर चंद्र धारण करने वाले.

गणेश जी के 108 नामों में से कुछ और महत्वपूर्ण नाम

अक्षरपुरुष, भालचंद्र, वरदमूर्ति, गजवक्त्र, सर्वज्ञ, यशस्कर,

मोदकप्रिय, भूतनाथ, कूर्मतनु, चतुर्भुज, मयूरेश्वर, हेरम्ब, अग्निगर्भ,

सूर्यनयन इत्यादि

उपरोक्त नामों को नियमित जपने से जीवन के विविध क्षेत्रों में संतुलन और समृद्धि आती है.

गणेश जी के नामों का जाप कैसे करें?

प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध भाव से बैठें. गणेश जी के सामने दीपकधूप और मोदक अर्पित करें,  के साथ प्रत्येक नाम का उच्चारण करें, जैसे ॐ गणपतये नमः’, ‘ॐ विघ्नेश्वराय नमः आदि. 108 नामों को माला की सहायता से भी जप सकते हैं।

गणेश जी के 108 नाम केवल नाम नहीं हैंये उनके दिव्य गुणोंशक्तियों और लीलाओं का प्रतिबिंब हैं. इनका जाप न केवल आत्मिक बल प्रदान करता हैबल्कि जीवन की कठिनाइयों को भी दूर करता है. यदि श्रद्धा और भक्ति से इन नामों को स्मरण किया जाएतो भगवान गणेश निश्चित ही कृपा बरसाते हैं और साधक को ज्ञानसुख और सफलता का मार्ग दिखाते हैं.