8th Pay Commission Update: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की शर्तें यानी टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 69 लाख पेंशनर्स का लंबे समय से चला आ रहा इंतजार खत्म होने की दिशा में बढ़ गया है. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि नई सिफारिशों के बाद वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी.
पिछले वेतन आयोगों की तरह इस बार भी वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी का पूरा खेल फिटमेंट फैक्टर पर निर्भर करेगा. फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक होता है, जिसके आधार पर मौजूदा बेसिक सैलरी को बढ़ाकर नया वेतन तय किया जाता है. 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में अच्छा इजाफा हुआ था.
कितनी बढ़ सकती है न्यूनतम बेसिक सैलरी
विभिन्न अनुमानों के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रह सकता है. अगर न्यूनतम अनुमान यानी 1.83 को भी आधार मानें, तो अभी 18,000 रुपये की न्यूनतम बेसिक सैलरी सीधे बढ़कर लगभग 32,940 रुपये हो सकती है.
वहीं अगर ऊपरी सीमा यानी 2.46 या इसके आसपास का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो न्यूनतम बेसिक सैलरी करीब 44,280 रुपये तक पहुंच सकती है. महंगाई के मौजूदा दौर में यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि 8वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन में 14 फीसदी से लेकर 54 फीसदी तक की बढ़ोतरी संभव है.
कैसे तय होता है फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर कोई मनमाना आंकड़ा नहीं होता. इसे तय करते समय महंगाई दर, जीवन यापन की लागत और उपभोग सूचकांक जैसे कई पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है. इसके साथ ही डॉ. वॉलेस आर. आयक्रॉयड के फार्मूले का भी इस्तेमाल होता है, जिसे जरूरत आधारित न्यूनतम वेतन तय करने के लिए बनाया गया था. इस फार्मूले में एक कर्मचारी के साथ उसके परिवार, यानी पति या पत्नी और दो बच्चों की बुनियादी ज़रूरतें जैसे भोजन, कपड़े और आवास को शामिल किया जाता है.
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग
पिछले महीने 3 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के ToR को मंजूरी दी थी. हालांकि, सिर्फ मंजूरी मिलने का मतलब यह नहीं है कि सिफारिशें तुरंत लागू हो जाएंगी. पिछले वेतन आयोगों के अनुभव को देखें तो सरकार को रिपोर्ट लागू करने में आमतौर पर 18 से 24 महीने लगते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2027 के मध्य से पहले लागू होना मुश्किल है. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि इसे 2028 की शुरुआत तक टाला जा सकता है.
कर्मचारियों में बढ़ी उम्मीदें
फिलहाल, वेतन आयोग की प्रक्रिया आगे बढ़ने से कर्मचारियों और पेंशनर्स में नई उम्मीद जगी है. बढ़ती महंगाई और खर्चों के बीच अगर अनुमान के मुताबिक सैलरी में इजाफा होता है, तो यह लाखों परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा. अब सभी की नजरें आयोग की सिफारिशों और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं.













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