जर्मनी के चांसलर मैर्त्स पद संभालने के बाद पहली बार इस्राएल गए हैं. दो-राष्ट्र समाधान को बढ़ावा देना भी उनके प्रमुख एजेंडा में शामिल है.मई 2025 में चांसलर बने फ्रीडरिष मैर्त्स की यह पहली इस्राएल यात्रा है. बीते कुछ दशकों, खासकर अंगेला मैर्केल की चांसलरी के समय से ही जर्मनी के चांसलर पदभार संभालने के कुछ ही महीनों के भीतर इस्राएल की यात्रा करते हैं.
मैर्केल नवंबर 2005 में चांसलर बनीं और जनवरी 2006 में इस्राएल की आधिकारिक यात्रा पर गईं. उनके बाद चांसलर बने ओलाफ शॉल्त्स ने दिसंबर 2021 में पद संभाला और मार्च 2022 में इस्राएल की यात्रा पर पहुंचे.
मृत बंधकों के परिवार से भी भेंट करेंगे चांसलर
यात्रा के प्रारंभ में मैर्त्स ने इस्राएल के राष्ट्रपति आईजाक हेर्त्सोग से मुलाकात की. आज ही प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू से भी उनकी मुलाकात है. मैर्त्स ने कहा है कि इस मीटिंग में वह इस्राएल-फलस्तीन संघर्ष सुलझाने के लिए दो-राष्ट्र समाधान पर अमल को प्रोत्साहन देंगे. पीएम नेतन्याहू कहते आए हैं कि फलस्तीनी राष्ट्र कभी नहीं बनेगा.
मैर्त्स यरुशलम में 'यद वशेम होलोकॉस्ट मेमोरियल' भी गए.
जर्मन चांसलरों की इस्राएल यात्रा में होलोकॉस्ट मेमोरियल जाना परंपरा का हिस्सा है. साल 1953 में बना यद वशेम, होलोकॉस्ट स्मारक है. यह होलोकॉस्ट में कत्ल किए गए यहूदियों, नष्ट किए गए यहूदी समुदायों को याद करता है.
जब पूर्व चांसलर मैर्केल पहली बार इस स्मारक पर गईं, तो उस अनुभव को याद करते हुए उन्होंने बताया, "उस जगह ने मुझे शर्म की गहरी भावना से भर दिया. मुझे याद है कि स्मारक स्थल पर रखे गेस्टबुक में मैंने क्या लिखा था. मैंने विल्हेम्ल फॉन हुम्बोल्ट की पंक्तियां लिखीं, "जो अतीत को जानते हैं, केवल उन्हीं का भविष्य है."
इस्राएल से वापस लौटने से पहले चांसलर मैर्त्स हमास द्वारा रिहा किए गए बंधकों से मिलने के साथ ही मृत बंधकों के परिवारों से भी मिलेंगे.
"जर्मनी बहुत मजबूती से इस्राएल के साथ है"
राष्ट्रपति हेर्त्सोग के साथ बैठक में मैर्त्स ने मौजूदा समय को मुश्किल बताते हुए कहा, "हमारी मुलाकात बहुत ही जटिल और चुनौतीपूर्ण समय में हो रही है. आप जानते हैं, जर्मनी बहुत मजबूती से इस्राएल के साथ है. खासतौर पर, 7 अक्टूबर 2023 को हमास के भीषण हमले के समय से. तब से, हम अपनी दोस्ती को और भी गहराई देने और मजबूत बनाने में सक्षम रहे. और, आप जानते हैं कि हम हमेशा इस्राएल के साथ खड़े रहेंगे. हम अब भी इस दोस्ती को एक चमत्कार मानते हैं."
गाजा की भुखमरी देख इस्राएल पर बदल रहा है जर्मनी का रुख
7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद जर्मनी ने कहा कि वह जवाबी कार्रवाई के इस्राएल के अधिकार का समर्थन करता है. हालांकि, बाद के दिनों में गाजा पर इस्राएल के हमले को लेकर जर्मनी ने चिंताएं भी जाहिर कीं. इस मसले पर बातचीत के लिए पूर्ववर्ती शॉल्त्स सरकार में विदेश मंत्री रहीं आनालेना बेयरबॉक कई बार इस्राएल गईं. दोनों देशों के संबंधों में एक दुर्लभ खिंचाव भी दिखा, जब गाजा में इस्राएली गतिविधियों को लेकर बर्लिन ने हथियारों की आपूर्ति पर अस्थायी रोक लगा दी.
समर्थन और चिंता की इस समांतर दुविधा को मैर्त्स ने भी रेखांकित किया, "सैन्य कार्रवाई और सरकार की कार्रवाई ने हमें असमंजस में डाल दिया. हमें इसपर प्रतिक्रिया तो देनी ही थी, लेकिन आप आश्वस्त रहें कि हम अब भी आपके साथ हैं."
जर्मन विदेश नीति के सबसे मुख्य स्तंभों में से एक को दोहराते हुए मैर्त्स ने कहा, "इस्राएल को अपनी रक्षा का अधिकार है. उसे अस्तित्व का अधिकार है. हम इस्राएल के इस होने के अधिकार के साथ हैं और आपकी कोशिशों में आपके साथ हैं."
इस्राएल पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंध का क्या जर्मनी समर्थन करेगा
यरुशलम में इस्राएली राष्ट्रपति के दफ्तर की गेस्टबुक में मैर्त्स ने लिखा, "जर्मनी और इस्राएल के बीच दोस्ती बहुमूल्य है."
दो-राष्ट्र समाधान का समर्थन
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की गाजा शांति योजना के संदर्भ में मैर्त्स ने कहा, "शांति और वार्ता अगले चरण में बढ़ रही है, ऐसे में हम आपकी सहायता करेंगे. जैसे ही हमास अपने सभी हथियार डाल देगा, वैसे ही युद्ध खत्म हो जाएगा. युद्ध खत्म होगा और फिर हम भविष्य की ओर देखेंगे." मैर्त्स ने वेस्ट बैंक की स्थितियों के सकारात्मक दिशा में बढ़ने की भी आशा जताई.
इस्राएल-फलस्तीन के बीच "टू-स्टेट" समाधान पर जोर देते हुए मैर्त्स ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच अच्छे सहअस्तित्व के लिए यह अहम है. इस्राएल के राष्ट्रपति हेर्त्सोग ने भी उम्मीद जताई कि गाजा शांति योजना, गाजा और इस्राएल के लोगों समेत पड़ोसी अरब देशों के लिए एक नई शुरुआत बन सकेगी. हेर्त्सोग ने कहा कि इस दिशा में जर्मनी अहम भूमिका निभा सकता है.
गाजा में इस्राएल की कार्रवाई का अब और बचाव मुमकिन नहीं
मैर्त्स अपनी इस यात्रा में जॉर्डन से इस्राएल पहुंचे हैं. जॉर्डन में उन्होंने मध्यपूर्व शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अपील की. जॉर्डन के सुल्तान किंग अब्दुल्ला से वार्ता के बाद मैर्त्स ने बताया कि उन दोनों को ही इस बात की राहत है कि "दो महीने से ज्यादा वक्त बाद गाजा में संघर्षविराम स्थिर हुआ है. मगर, अब दूसरा चरण जरूर शुरू हो जाना चाहिए. इसमें यह भी शामिल है कि हम आखिरकार हमास के आंतक का आधार हटा दें." जर्मन चांसलर ने मुश्किल समय में इस क्षेत्र को स्थिरता देने में जॉर्डन के "सकारात्मक प्रयासों" की सराहना की.












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