ईरान: मैराथन में महिलाओं के बिना हिजाब दौड़ने पर आयोजक गिरफ्तार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

ईरान में एक मैराथन के दौरान कुछ महिलाएं बिना हिजाब के नजर आईं. इसपर कई लोगों ने बड़ी आपत्ति जताई. अब दौड़ के दो आयोजकों को गिरफ्तार कर लिया गया है.ईरान में अधिकारियों ने एक मैराथन के आयोजकों को गिरफ्तार किया है. वजह यह है कि मैराथन दौड़ में हिस्सा लेने वाली महिलाओं की तस्वीरें बाहर आई थीं, जिनमें उनके सिर पर हिजाब नहीं था.

मैराथन में कई महिलाओं का बिना हिजाब दौड़ना, कट्टरपंथियों को पसंद नहीं आया. रूढ़िवादी विचारधारा से जुड़े अखबारों ने इसे इस्लामिक कानूनों के प्रति अभद्र और अपमानजनक बताया. महिलाओं के सिर ढकने के कानून का पालन ना करवा पाने के लिए न्यायिक प्रशासन की आलोचना हो रही थी.

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1980 के दशक में ईरानी कानून ने महिलाओं के लिए सख्त ड्रेस कोड लागू किया. इसमें सिर ढकना अनिवार्य है.

सोशल मीडिया पर तस्वीरें आईं, हंगामा हुआ

जिस मैराथन दौड़ को लेकर कार्रवाई हुई है, वह 5 दिसंबर को आयोजित की गई थी. स्थानीय खबरों के मुताबिक, करीब 5,000 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया. इसकी कई तस्वीरें ऑनलाइन शेयर की गईं, जिनमें कई महिलाओं को बिना हिजाब के देखकर कट्टरपंथियों ने सवाल उठाए और कथित पश्चिमी संस्कृति के हावी होने का खतरा बताया.

ईरानी महिलाएं खुलकर कर रही हैं हिजाब पहनने के नियम का विरोध

इसपर न्यायपालिका की प्रतिक्रिया आई और बताया गया कि दौड़ के आयोजकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. अब प्रशासन ने बताया कि प्रतियोगिता के दो प्रमुख आयोजकों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

आयोजकों को गिरफ्तार करने की क्या वजह बताई?

मीजान ऑनलाइन ने एक स्थानीय अधिकारी का बयान यूं छापा, "देश के मौजूदा नियम-कानूनों का पालन करने की जरूरत को लेकर पहले दी गई चेतावनियों, और धार्मिक, सांस्कृतिक और पेशेवर सिद्धांतों के बावजूद यह प्रतियोगिता इस तरह आयोजित की गई, जिससे सार्वजनिक शिष्टाचार का उल्लंघन हुआ."

हिजाब कानूनों के ही कारण साल 2022 में ईरान में व्यापक प्रदर्शन हुए थे. महसा अमीनी नाम की एक युवा की हिरासत में हुई मौत ने महिलाओं में गुस्सा भड़का दिया था. देशव्यापी प्रदर्शनों में महिलाएं आगे थीं. अपना विरोध दिखाने के लिए कई महिलाओं ने अपने हिजाब जला दिए थे.

परंपरा और कानून के सहारे कैसे मारी जा रही ईरानी महिलाएं

पिछले साल हिजाब को और सख्ती से लागू करने के लिए एक नया कानून पास किया गया, जिसमें उल्लंघन करने वालों के लिए जेल की लंबी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान था. हालांकि, भारी विरोध की आशंका के मद्देनजर ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल ने इसे लागू किए जाने पर रोक लगा दी थी.