
Bihar Cabinet Expansion: बिहार में जल्द ही कैबिनेट विस्तार होने की संभावना है. इसी बीच राजस्व मंत्री एवं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा, "मैं राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं. 'एक व्यक्ति, एक पद' पार्टी का सिद्धांत है और मैं केंद्रीय नेतृत्व का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. कैबिनेट विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है."
जायसवाल के इस्तीफे की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब बिहार में कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीच हुई बैठक में कैबिनेट विस्तार पर सहमति बनी है.
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राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने दिया इस्तीफा
#WATCH | Patna | Bihar minister and BJP's state President Dilip Jaiswal says, "I am going to resign from the post of Revenue Minister. 'One person, one post' is the principle on which the party works. I am thankful that the central leadership has given me the responsibility of… pic.twitter.com/6H9jaZAhlo
— ANI (@ANI) February 26, 2025
कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा तेज
बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े आज दिल्ली जा रहे हैं, जहां वे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को बिहार बीजेपी द्वारा तय किए गए नामों की सूची सौंपेंगे. इसके बाद, दिल्ली से नामों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा जाएगा. सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट में 3 से 4 नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. कैबिनेट विस्तार के बाद बीजेपी और जेडीयू के बीच मंत्रियों का संतुलन कैसे बनता है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.
बिहार कैबिनेट में अभी 6 मंत्री पद खाली
बिहार विधानसभा में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 36 हो सकती है, लेकिन फिलहाल कैबिनेट में 30 मंत्री ही हैं. यानी अभी 6 पद खाली हैं. मौजूदा कैबिनेट में बीजेपी कोटे से 15 मंत्री (जिसमें 2 उपमुख्यमंत्री भी शामिल हैं), JDU के 13 मंत्री, HAM पार्टी के 1 मंत्री और 1 निर्दलीय मंत्री (मुख्यमंत्री सहित) हैं.
क्या होगा असर?
दिलीप जायसवाल के इस्तीफे को बीजेपी के 'एक व्यक्ति, एक पद' सिद्धांत के तहत उठाया गया कदम माना जा रहा है. इससे पार्टी के अन्य नेताओं को भी एक स्पष्ट संदेश मिलेगा कि संगठन और सरकार में संतुलन बनाए रखना जरूरी है. वहीं, कैबिनेट विस्तार के बाद नई राजनीतिक रणनीति और गठबंधन के समीकरणों पर भी असर पड़ सकता है.