लोकसभा चुनाव 2019: पहले फेज में मोदी सरकार के इन 7 दिग्गजो की किस्मत दांव पर
बीजेपी (Photo Credits: Twitter)

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत गुरुवार को मतदान हो रहे है. पहले चरण में 18 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 91 सीट पर वोटिंग हो रही है. जिसमें आंध्र प्रदेश में 25, उत्‍तर प्रदेश में 8, महाराष्‍ट्र में 7, उत्‍तराखण्‍ड और असममें 5 - 5, बिहार और ओडीसा में चार-चार, जम्‍मू - कश्‍मीर, अरूणाचल प्रदेश, मेघालयऔर पश्चिम बंगाल में 2-2, तथा छत्‍तीसगढ़, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप में एक-एक सीट के लिए वोट डाले जाएंगे. जबकि आंध्र प्रदेश, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव के लिए भी एक ही चरण में मतदान कराया जा रहा है. साथ ही इस चरण में ओडीसा विधानसभा की 147 सीटों में से 28 सीटों के लिए भी वोट पड़ेंगे.

नितिन गडकरी:

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत मतदान चल रहा है. मोदी सरकार के परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) नागपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे है. साल 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार विलास मुत्तेमवार को 2.84 लाख वोटों से हराने वाले गडकरी का दावा है कि वह इस बार वह ज्यादा बड़े अंतर से चुनाव जीतेंगे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुकाबले के लिए कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेता नाना पटोले को चुनावी रण में उतारा है.

किरेन रिजीजू:

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू अरुणाचल प्रदेश के अरुणाचल पश्चिम लोकसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार है. कांग्रेस ने उनके सामने पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी को मैदान में उतारा है. जहां तुकी 2011 से 2016 के बीच अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. अरुणाचल में लोकसभा दोनों सीटों पर मतदान चल रहा है.

सदानंद गौड़ा:

रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने बेंगलुरू उत्तर सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे है. बीजेपी यहां की 28 में से 27 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कर्नाटक में जनता दल-सेक्युलर (जेडी-एस) ने बेंगलुरू उत्तर सीट पर अपना उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है. इस वहज से केंद्रीय मंत्री की यहां जीत आसानी से हो सकती है.

सत्यपाल सिंह:

पहले चरण में जिन सियासी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर हैं, उनमें केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह का भी नाम है वें बागपत से बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं. जाट बहुल इस सीट पर चौधरी चरण सिंह घराने का दबदबा रहा हैं. चौधरी चरण सिंह ने साल 1977 से 89 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. उसके बाद 1998-99 छोड़े तो 2014 तक इस सीट से चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह सांसद रहे हैं. 2014 में हालांकि मोदी लहर के चलते इस सीट से अजित सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. वहां से मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह 2 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जिते थे. वहीं, महागठबंधन की ओर से आरएलडी के जयंत चौधरी मैदान में हैं. साथ ही शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की ओर से मोहम्मद मोहकम मैदान में हैं.

महेश शर्मा:

संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा की किस्मत यहां होने वाले त्रिकोणीय मुकाबले में दांव पर लगी है. कांग्रेस ने अरविंद कुमार सिंह को जबकि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने केंद्रीय मंत्री के सामने बसपा के सतवीर को संयुक्त रूप से अपना उम्मीदवार बनाया है. इस संसदीय क्षेत्र से दो निर्दलीय सहित कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं.

जनरल वीके सिंह:

पूर्व सेना प्रमुख और विदेश राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे है. सपा-रालोद-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार सुरेश बंसल और कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा के साथ यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदीनगर, मुरादनगर और लोनी में फैले गाजियाबाद संसीदय क्षेत्र में 27.26 लाख मतदाता हैं, जहां मुस्लिम, गुर्जर, वैश्य, ब्राह्मण मतदाताओं की अच्छी संख्या है.

हंसराज अहीर:

पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर महाराष्ट्र के चंद्रपुर से चुनावी मैदान में है. यह सीट राष्ट्रीय राजनीति में बहुत महत्वपूर्ण सीट भले ही न माना जाता हो, लेकिन यह मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री हंसराज अहीर के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है, क्योंकि यह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का गृहनगर और बीजेपी के मजबूत गढ़ विदर्भ का भाग है. पिछले कुछ चुनाव के विपरीत इस बार चंद्रपुर में सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. अहीर चार बार वर्ष 1996, 2004, 2009, 2014 में सांसद बने. अंतिम बार वह बीजेपी विरोधी वोट के कांग्रेस और आप में बंट जाने के बाद विजयी हुए थे.