लखनऊ, 30 नवंबर : सीबीआई कोर्ट ने आईएसडी कॉल धोखाधड़ी मामले में बीएसएनएल के दो इंजीनियरों को दो साल कैद की सजा सुनाई. साथ ही अदालत ने दोषियों पर 10-10 लाख रुपए का जुर्मान भी लगाया. सीबीआई कोर्ट लखनऊ ने इंटरनेशनल कॉल (आईएसडी) धोखाधड़ी मामले में बीएसएनएल, गोरखपुर के ग्रुप एक्सचेंज के दो पूर्व सब-डिविजनल इंजीनियर (एसडीई), हरि राम शुक्ला और गुलाब चंद चौरसिया, को दोषी ठहराते हुए 10-10 लाख रुपए के जुर्माने के साथ दो साल की जेल की सजा सुनाई है.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 18 सितंबर 2008 को गोरखपुर बीएसएनएल के तत्कालीन एसडीई ग्रुप एक्सचेंज हरि राम शुक्ला, गुलाब चंद चौरसिया, गोरखपुर बीएसएनएल के तत्कालीन जूनियर टेलीकॉम ऑफिसर सिया राम अग्रहरि और विभिन्न पीसीओ मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. यह भी पढ़ें : Ladki Bahin Yojana: लाडकी बहन योजना की 17वीं किस्त को लेकर बड़ी अपडेट, दिसंबर के पहले हफ्ते में हो सकती है जारी! ऐसे करें बैलेंस चेक
आरोप है कि आरोपी व्यक्तियों ने सितंबर 2003 से सितंबर 2004 तक 6 पीसीओ मालिकों और 18 व्यक्तिगत टेलीफोन ग्राहकों के साथ आपराधिक साजिश रची और इसके अलावा, अनधिकृत रूप से उन्हें उनके स्थानीय टेलीफोन कनेक्शन पर आईएसडी सुविधाएं प्रदान कीं. उक्त पीसीओ मालिकों और व्यक्तिगत टेलीफोन ग्राहकों ने बांसगांव टेलीफोन एक्सचेंज के बजाय सीधे ट्रंक ऑटोमैटिक एक्सचेंज (टैक्स) के माध्यम से बड़ी संख्या में अनधिकृत आईएसडी कॉल किए, जिसके कारण इन कॉल को एक्सचेंज में मीटर नहीं किया गया, जिससे 88,42,112 रुपए का गलत नुकसान हुआ.
जांच के बाद, सीबीआई ने 1 मई 2010 को आरोपी हरि राम शुक्ला, गुलाब चंद चौरसिया और सिया राम अग्रहरि के खिलाफ चार्जशीट फाइल की. कोर्ट ने ट्रायल के बाद दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया और उसी हिसाब से सजा सुनाई. ट्रायल कोर्ट ने सियाराम अग्रहरि को उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी कर दिया है.













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