चंडीगढ़: भारत के पहले संभावित कोरोना रोधी वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) का तीसरे चरण का ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल हरियाणा (Haryana) में 20 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने कोवैक्सिन के तीसरे चरण के ट्राएल के लिए वलंटियर बनने की पेशकश की है. हरियाणा में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई
वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने सोमवार को घोषणा की कि उसने कोविड-19 के लिए भारत की पहले स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के तीसरे चरण के परीक्षणों को शुरू कर दिया है. फेज-3 के ट्रायल में पूरे भारत से 26,000 स्वयंसेवक शामिल किए गए हैं. इसका संचालन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर किया जा रहा है.
Trial for third phase of Covaxin a coronavirus vaccine product of Bhart Biotech to start in Haryana on 20th November. I have offered myself as first volunteer to get vaccinated .
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) November 18, 2020
हैदराबाद स्थित कंपनी ने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के लिए यह भारत का पहला चरण-3 प्रभावकारिता अध्ययन है, और अब तक का सबसे बड़ा चरण-3 प्रभावकारिता परीक्षण है. परीक्षण में शामिल स्वयंसेवकों को लगभग 28 दिनों के भीतर दो इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दिए जाएंगे. प्रतिभागियों को कोवैक्सिन या प्लेसबो या²च्छिक रूप से (रेंडमली) दिया जाएगा. परीक्षण डबल ब्लाइंडिड कर दिया गया है. यानी जांचकर्ताओं, प्रतिभागियों और कंपनी को यह पता नहीं होगा कि किस समूह का किस प्रकार से टीकाकरण हुआ है.
परीक्षण भारत में 22 संस्थानों में किया जा रहा है, जिसमें नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और गुरु तेग बहादुर अस्पताल शामिल हैं. इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, ग्रांट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और सर जे.जे. ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, लोकमान्य तिलक म्युनिसिपल जनरल हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज (सायन हॉस्पिटल) भी इसमें शामिल हैं. इसमें भाग लेने वाले स्वयंसेवकों की कड़ी निगरानी की जाएगी.
भारत बायोटेक कोवैक्सीन को आईसीएमआर-राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के साथ भागीदारी में विकसित किया गया है. भारत बायोटेक दुनिया की एकमात्र वैक्सीन कंपनी है, जिसके पास जैव सुरक्षा स्तर-3 (बीएसएल 3) उत्पादन सुविधा है.