Amrit Bharat Train: कुछ वर्ष पहले ड्रोन (Drone) से वीडियो शूटिंग और दुसरे कई काम किए जाते थे. लेकिन अब ड्रोन से ट्रेनों की सफाई भी की जा सकती है. दरअसल गुजरात में ड्रोन के जरिए अमृत भारत एक्सप्रेस को धोया गया.भारतीय रेलवे ने ट्रेन की सफाई के लिए अब हाई-प्रेशर ड्रोन तकनीक का प्रयोग शुरू किया है. गुजरात (Gujarat) की पहली उदना–ब्रह्मपुर अमृत भारत एक्सप्रेस (Amrit Bharat Express) को हाल ही में पूरी तरह से ड्रोन के ज़रिए धोया गया, जो रेलवे रखरखाव में एक नया अध्याय जोड़ता है.यह ट्रायल सूरत और उदना रेलवे स्टेशन पर आयोजित किया गया, जहां खासतौर पर विकसित किए गए एक ड्रोन सिस्टम ने कमाल कर दिखाया.ड्रोन ने ट्रेन के कोच की उंचाई तक उड़ान भरकर हाई-प्रेशर वॉटर स्प्रे के जरिए हर डिब्बे की सफाई की.
इस तकनीक से 25 कोच सिर्फ 30 मिनट में धो दिए गए, जबकि पारंपरिक तरीके से यही काम करीब ढाई से तीन घंटे में पूरा होता था. इसका वीडियो (Video) सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को X पर @VistaarNews नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:VIDEO: बुलेट ट्रेन भी पीछे! भारत में 1000 KM घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, रेल मंत्री ने किया हाइपरलूप का निरीक्षण
ड्रोन से ट्रेन की सफाई
'स्मार्ट ट्रेन, स्मार्ट क्लीनिंग'...ड्रोन से हो रही अमृत भारत ट्रेन की सफाई, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल #Railway #SmartTrain #AmritBharatExpress #viralvideo pic.twitter.com/CtpbHSLrGg
— Vistaar News (@VistaarNews) October 6, 2025
रेलवे स्टेशनों की भी होगी सफाई
यह ड्रोन (Drone) केवल ट्रेनों के लिए नहीं, बल्कि रेलवे स्टेशनों (Railway Stations) की छतों, उंची दीवारों और कठिन स्थानों की सफाई के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.इससे न सिर्फ समय और श्रम की बचत होगी, बल्कि सफाई की गुणवत्ता भी बेहतर बनेगी.
सूरत के दो युवाओं ने तैयार की तकनीक
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह हाई-प्रेशर ड्रोन सिस्टम सूरत के दो युवा नवप्रवर्तकों द्वारा विकसित किया गया है. इसकी लागत लगभग 3 से 4 लाख रुपये बताई जा रही है, जो पारंपरिक सफाई उपकरणों की तुलना में काफी किफायती है.ट्रायल के दौरान मौजूद रेलवे अधिकारियों ने इस पहल की सराहना की और इसे रेलवे रखरखाव में क्रांतिकारी बदलाव बताया. अब इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड (Railway Board) को भेजा गया है. मंजूरी मिलने के बाद आने वाले समय में यह तकनीक एक्सप्रेस और लंबी दूरी की ट्रेनों की नियमित सफाई व्यवस्था का हिस्सा बन सकती है.













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