भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग में बढ़ती धांधली और दलालों के नेटवर्क पर नकेल कसने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब देशभर के रिजर्वेशन काउंटरों पर तत्काल टिकट जारी करने से पहले यात्रियों को OTP वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा. यह व्यवस्था यात्रियों के मोबाइल नंबर पर भेजे जाने वाले एक बार इस्तेमाल होने वाले पासवर्ड (OTP) के जरिए होगी.
रेलवे मंत्रालय के मुताबिक, यह नई प्रक्रिया पिछले कुछ हफ्तों से चुपचाप परीक्षण में थी. 17 नवंबर 2025 से शुरू हुए इस पायलट प्रोजेक्ट को 52 ट्रेनों पर लागू किया गया था, और इसके परिणाम इतने सफल रहे कि अब इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी है. अंतिम तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी.
कैसे काम करेगा नया सिस्टम?
नई प्रक्रिया के तहत, काउंटर से तत्काल टिकट बुक करने वाले यात्री को अपनी मोबाइल संख्या आरक्षण फॉर्म पर लिखनी होगी. इसके बाद बुकिंग क्लर्क उस नंबर पर OTP भेजेगा. यात्री द्वारा यह OTP बताने और सत्यापन पूरा होने के बाद ही टिकट जारी किया जाएगा.
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह सरल-सी प्रक्रिया दलालों और प्रॉक्सी बुकिंग पर बड़ा प्रहार करेगी, जो वर्षों से तत्काल टिकटों पर भारी मुनाफा कमाते आए हैं.
धोखाधड़ी रोकने की बड़ी मुहिम का हिस्सा
रेलवे पहले भी ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग में धांधली रोकने के लिए अहम कदम उठा चुका है. कुछ समय पहले तत्काल टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग के लिए आधार लिंकिंग अनिवार्य की गई थी. अब काउंटर बुकिंग पर OTP वेरिफिकेशन जोड़कर रेलवे एक पारदर्शी और पहचान-आधारित प्रणाली स्थापित कर रहा है.
मंत्रालय का मानना है कि दोनों कदम मिलकर तत्काल टिकट को दलालों की पहुंच से दूर कर देंगे और वास्तविक यात्रियों को समय पर टिकट मिलना आसान होगा.
यात्रियों को होगा फायदा, प्रक्रिया नहीं होगी धीमी
अधिकारी साफ करते हैं कि यह OTP प्रक्रिया काउंटरों की गति नहीं घटाएगी. उल्टा, इससे पूरे सिस्टम में विश्वास और पारदर्शिता बढ़ेगी. तत्काल टिकट, जहां मांग सबसे अधिक और फर्जीवाड़ा सबसे ज्यादा होता है, वहां यह स्तरीय सुरक्षा प्रणाली बड़े बदलाव लेकर आएगी.
रेलवे को उम्मीद है कि यह नई व्यवस्था लागू होने के बाद तत्काल टिकट बुकिंग में वर्षों से जारी अनियमितताओं पर लगाम लगेगी और आम यात्रियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा.













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