PIB Fact Check: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान आर्मी की तारीफ की और उसकी ताकत को भारत से बेहतर बताया. वीडियो में जनरल चौहान को कहते दिखाया गया, “कभी पाकिस्तान से मत उलझना, उनकी आर्मी कहीं ज्यादा एडवांस और सुपीरियर है.” इस क्लिप को खासतौर पर पाकिस्तान समर्थित अकाउंट्स से शेयर किया गया.
जांच में सामने आया कि यह वीडियो पूरी तरह से डिजिटल रूप से छेड़छाड़ कर बनाया गया फेक वीडियो है. जनरल चौहान ने कभी भी ऐसा बयान नहीं दिया. यह वीडियो डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके तैयार किया गया है.
जनरल चौहान ने असल में क्या कहा?
दरअसल, हाल ही में ‘रण संवाद’ कॉन्क्लेव में CDS जनरल अनिल चौहान ने बिल्कुल अलग संदेश दिया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत शांति-प्रिय देश है लेकिन खतरे के सामने चुप नहीं बैठ सकता. उन्होंने कहा, “हम शांति-प्रिय राष्ट्र हैं, लेकिन हमें शांतिवादी नहीं समझना चाहिए. ताकत के बिना शांति सिर्फ एक कल्पना है. अगर शांति चाहिए तो युद्ध के लिए तैयार रहना होगा.”
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने नहीं की पाकिस्तानी सेना की तारीफ
🚨 Beware of Digitally Manipulated Videos!
Some pro-Pakistani accounts are circulating a doctored video of India’s Chief of Defence Staff, General Anil Chauhan, falsely portraying him as saying: “Never mess with #Pakistan because their army appears to be far more superior and… pic.twitter.com/XfZsjzZGDd
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 28, 2025
इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष संदेश देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर (अप्रैल 22 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद चलाया गया सैन्य अभियान) अभी भी सक्रिय है.
PIB फैक्ट चेक ने क्या बताया?
भारत सरकार की PIB Fact Check यूनिट ने इस वायरल वीडियो को लेकर साफ किया कि यह वीडियो पूरी तरह फर्जी और डीपफेक तकनीक से तैयार किया गया है. PIB ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के प्रचार और झूठी खबरों पर भरोसा न करें और संवेदनशील मामलों में सिर्फ आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें.
फेक न्यूज से सावधान रहना जरूरी
आजकल डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल गलत सूचनाएं फैलाने और लोगों की राय को प्रभावित करने के लिए तेजी से बढ़ रहा है. खासकर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर इस तरह की अफवाहें बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं.













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