Viral Video: सोशल मीडिया (Social Media) पर मुश्किल से 2 से 3 साल के छोटे स्कूली बच्चों का एक वीडियो (Viral Video) सामने आया है, जिसमें बच्चे घर जाने की गुहार लगा रहे हैं, जिससे शुरुआती पढ़ाई के नाम पर बच्चों पर डाले जा रहे दबाव पर हंगामा मच गया है. वीडियो में दो बच्चे क्लासरूम की खिड़की के पीछे खड़े हैं, उनकी छोटी उंगलियां लोहे की सलाखों में लिपटी हैं और उनके गालों से आंसू बह रहे हैं. एक बच्चा दिल दहला देने वाली आवाज में धीरे से कहता है ‘मेरी मम्मी को बुलाओ… मेरी मम्मी का नाम मम्मा है,’ जबकि दूसरा चुपचाप रो रहा है, उसकी आंखों में उम्मीद और डर दोनों हैं.
यह वीडियो, जो सभी प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया है, उसमें बच्चों का एक ग्रुप अपने टीचर से उन्हें घर ले जाने के लिए कह रहा है ताकि वे ‘अपनी मां की गोद में लेट सकें और दूध पी सकें.’ उनकी आवाज में कच्ची मासूमियत और उनके हाव-भाव में बेबसी. यह भी पढ़ें: इंसानियत अभी भी जिंदा है! आधी रात को सड़क पर अकेला घूमता दिखा 3 साल का बच्चा, मदद के लिए आगे आए लोग (Watch Video)
घर जाने की गुहार लगाते दिखे छोटे स्कूली बच्चे
Childhood cuteness overloaded! 😍
Kids in school are requesting their teacher ma'am to let them go home as they want to lie in their mother's lap and have milk.
Sending 2–3 year-old kids to school in the name of LKG is not education.
This is the theft of childhood innocence.💔 pic.twitter.com/3jnLGHeXxo
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) December 1, 2025
वीडियो को सूरज कुमार बौद्ध ने एक्स पर शेयर किया है और उन्होंने लिखा है- बचपन की क्यूटनेस ओवरलोडेड! स्कूल में बच्चे अपनी टीचर मैम से रिक्वेस्ट कर रहे हैं कि उन्हें घर जाने दें क्योंकि वे अपनी मां की गोद में लेटकर दूध पीना चाहते हैं. LKG के नाम पर 2-3 साल के बच्चों को स्कूल भेजना एजुकेशन नहीं है. यह बचपन की मासूमियत की चोरी है.
इस वायरल वीडियो ने इस बात पर बहस छेड़ दी है कि क्या दो या तीन साल के बच्चों को LKG जैसे स्ट्रक्चर्ड स्कूल के माहौल में डालना चाहिए और यह बचपन की अहमियत को भी दिखाता है, जिसे वापस पाना नामुमकिन है. मासूमियत, आराम और इमोशनल सिक्योरिटी, जो छोटे बच्चों को चाहिए होती है, खासकर मां के आलिंगन की गर्माहट, शुरुआती सालों के फैसलों के दिल में रहनी चाहिए.













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