दो माह (सावन भादों) में एक ही नाम के त्योहार को तीन विभिन्न तिथियों में मनाया जाने वाला एक ही धार्मिक पर्व है, जिसे हम तीज के नाम से जानते हैं, ये है हरियाली तीज, कजरी तीज और हरितालिका तीज. यहाँ हम बात करेंगे, कि एक ही नाम के तीन तीज विभिन्न तिथियों में क्यों और कैसे मनाते हैं?
अलग-अलग तिथियों में क्यों मनाते हैं?
दरअसल उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत में श्रावण एवं भाद्रपद् की तिथियों में विभिन्नता होने के कारण तीज तीन विभिन्न तिथियों में मनाई जाती है. हरियाली तीज सावन शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि में मनाई जाती है, तो कजरी तीज भाद्रपद कृष्णपक्ष की तृतीया को और हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्लपक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. इन तीनों ही तीज में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा और निर्जला व्रत रखा जाता है, और तीनों तीज में पति की लंबी उम्र के लिए व्रत एवं पूजा की जाती है. तीनों ही व्रत मुख्य रूप से सुहागन महिलाएं रखती हैं, और ये तीनों व्रत 36 से 40 घंटे रखे जाते हैं, और चतुर्थी की सुबह स्नान-दान के बाद व्रत का पारण करते हैं.
क्या है तीनों तीज में अंतर!
तीनों तीज में फर्क जानने के लिए इनकी अलग-अलग व्याख्या करनी होगी.
हरियाली तीज!
प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के शुक्लपक्ष की तीसरी तारीख को हरियाली तीज मनाई जाती है. चूंकि यह तीज सावन मास में पड़ती है, जब वर्षाऋतु से सर्वत्र धरती पर हरियाली छाई रहती है, इसीलिए इसे हरियाली तीज अथवा श्रावणी तीज कहते हैं. यह व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, तो कहीं-कहीं कुंवारी लड़कियां भी सुयोग्य वर के लिए यह व्रत रखती हैं. व्रती महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, माता पार्वती को सोलह शृंगार की सभी सामग्री अर्पित करते हुए, भगवान शिव जैसे पति पाने की कामना करती हैं. सबसे पहले यही तीज पड़ती है. इस वर्ष 31 जुलाई को हरियाली तीज मनाई गई थी.
कजरी तीज!
यह तीज भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की तृतीया के दिन मनाई जाती है. हरियाली तीज की तरह यह व्रत भी पति की दीर्घायु लिए रखा जाता है. इसे कजली तीज के अलावा, सातुड़ी तीज भी कहते हैं. इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा की जाती है, इस वर्ष कजरी तीज 14 अगस्त 2022 को मनाई जाती है.
हरतालिका तीज!
हिंदी कैलेंडर के मुताबिक, हर साल भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की तृतीया के दिन हरतालिका तीज मनाई जाती है. यह व्रत भी विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह व्रत रखती हैं. कहीं-कहीं कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए यह निर्जल व्रत रखती हैं, और शिव जी के साथ माँ पार्वती की विधिवत पूजा अर्चना करती हैं. इस वर्ष 31 अगस्त 2022 को हरतालिका तीज पड़ रहा है.