भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव लगातार सुर्खियों में है. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने शनिवार को स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की कार्यशैली परंपरागत नेताओं से काफी अलग है. उन्होंने कहा कि ट्रंप न केवल विदेश नीति बल्कि घरेलू मामलों को भी सार्वजनिक मंचों पर बेहद खुले तरीके से रखते हैं. जयशंकर ने Economic Times World Leaders Forum 2025 में कहा, “अब तक किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी विदेश नीति को इतनी सार्वजनिक शैली में नहीं चलाया. ट्रंप की यह कार्यशैली सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया इसका अनुभव कर रही है.”
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विदेश मंत्री ने कहा कि ट्रंप का टैरिफ का इस्तेमाल सिर्फ व्यापार नहीं बल्कि गैर-व्यापारिक मुद्दों के लिए भी करना एक नई बात है. कई बार उनकी घोषणाएँ पहले सार्वजनिक मंचों पर होती हैं और बाद में संबंधित देशों तक पहुंचती हैं.
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता जारी
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक बातचीत बंद नहीं हुई है. “हमारी कुछ रेड लाइन्स हैं, जिनमें किसानों और छोटे उत्पादकों के हित सबसे ऊपर हैं. बातचीत जारी है और दोनों देशों के बीच संवाद होता रहता है,”
रूस से तेल खरीद: 'अन्यायपूर्ण निशाना'
एस जयशंकर ने कहा कि रूस से तेल खरीद (Russian Oil Purchase) को लेकर भारत को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है, जबकि चीन और यूरोपीय संघ जैसे बड़े आयातकों पर वही नियम लागू नहीं किए गए. उन्होंने कहा, "अगर तर्क यह है कि प्रतिशत बढ़ा है तो कई देश ईरान से तेल ले रहे हैं, जिस पर अमेरिका को भी आपत्ति है. तो फिर केवल भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है?"
विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और बाइडेन प्रशासन के बीच इस मसले पर खुली बातचीत हुई थी, जिसके बाद तेल पर प्राइस कैप की व्यवस्था बनी.
मध्यस्थता पर भारत का साफ संदेश
जयशंकर ने एक बार फिर दोहराया कि भारत अपने किसी भी मुद्दे पर बाहरी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता, खासकर जब बात पाकिस्तान से संबंधों की हो.













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