Karwa Chauth 2025 Mehndi Designs: करवा चौथ पर लास्ट मिनट रचाएं अपने पिया के नाम की मेहंदी, ट्राई करें ये खूबसूरत डिजाइन्स
करवा चौथ 2025 मेहंदी डिजाइन्स (Photo Credits: File Image)

Karwa Chauth 2025 Mehndi Designs: दिल्ली (Delhi) से लेकर उत्तर भारत (North India) समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आज यानी 10 अक्टूबर 2025 को अखंड सौभाग्य के पर्व करवा चौथ (Karwa Chauth) को मनाया जा रहा है, जिसे लेकर विवाहित महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. अखंड सौभाग्य और खुशहाल वैवाहिक जीवन की कामना से महिलाएं इस व्रत को पूरी आस्था और विश्वास के साथ करती हैं. इस दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाकर अपने व्रत की शुरुआत करती हैं, फिर दिनभर निर्जल-निराहार रहकर शाम के समय सोलह श्रृंगार करके महिलाएं विधि-विधान से करवा चौथ की पूजा करती हैं. इसके बाद रात में चंद्रमा के उदय होने के बाद महिलाएं चांद की पूजा करने के बाद अपने पति के हाथों से जल पीकर अपना व्रत खोलती हैं.

करवा चौथ को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिलता है. महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं, सोलह श्रृंगार करके सजती-संवरती हैं और अपने हाथों में मेहंदी रचाती हैं. हाथों और पैरों में मेंहदी रचाना करवा चौथ की तैयारियों का एक अभिन्न अंग है, लेकिन अगर आप अब तक मेहंदी नहीं रचा पाई हैं तो आप लास्ट मिनट अपने हाथों में पिया के नाम की मेहंदी रचा सकती हैं, इसके लिए आप इन खूबसूरत डिजाइन्स की मदद ले सकती हैं. यह भी पढ़ें: Karwa Chauth 2025 Mehndi Designs: करवा चौथ पर लगाएं ये लेटेस्ट ट्रेंडी मेहंदी डिजाइन, देखें वीडियो

करवा चौथ के लिए लास्ट मिनट मेहंदी डिजाइन

करवा चौथ के लिए आसान और मनमोहक मेहंदी डिजाइन

करवा चौथ 2025 के लिए सिंपल मेहंदी डिजाइन

करवा चौथ के लिए सुंदर बैक हैंड मेहंदी डिजाइन

करवा चौथ के लिए चांद और दीये वाली मेहंदी

करवा चौथ के लिए पारंपरिक मेहंदी डिजाइन 

करवा चौथ 2025 मेहंदी डिजाइन (Photo Credits: Instagram)

करवा चौथ के लिए ट्रेडिशनल बैक हैंड मेहंदी 

करवा चौथ 2025 मेहंदी डिजाइन (Photo Credits: Instagram)

करवा चौथ के पर्व को पति के लिए पत्नी के प्रेम, समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक माना जाता है. इस व्रत में महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं. मिट्टी का करवा इस पूजा के लिए अनिवार्य माना जाता है. चंद्रोदय के बाद चंद्रमा के दर्शन के बाद अपने पति के हाथों से जल पीकर इस व्रत को पूर्ण किया जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग और खुशहाल जीवन का वरदान मिलता है.