VIDEO: 'तेरा खोपड़ा खराब है क्या? SHO  ने की वकील के साथ बदसलूकी, जोधपुर में दिखाया वर्दी का रौब
SHO misbehaved with a lawyer in Jodhpur (Credit-@jmdnewsflash)

Jodhpur News: जोधपुर (Jodhpur) के कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में एक एसएचओ (SHO) ने एक वकील (Advocate) के साथ जमकर बदसलूकी की. वकील एसएचओ से कहते है की वर्दी नहीं, मुझे धमकी दे रहे है, तो एसएचओ कहते है, तुम कौन होते हो, पूछनेवाले. इसके बाद वकील कहते है की ,' एक नागरिक होने के नाते मेरे पास अधिकार है इन्हें पूछने का. इसके बाद वकील कहते है ,' बिना वर्दी के ये बयान ले रहे है. इसके बाद एसएचओ का पारा हाई हो जाता है और वह वकील से कहते है ,' तेरा खोपडा खराब है क्या? इसके बाद वकील एसएचओ से कहते है ,' तमीज से बात करो, तो एसएचओ कहते है ,' मैं तमीज दो मिनट में सिखा दूंगा.

इसके बाद वकील कहते है ,' सर आप तमीज से बात करें. इसके बाद एसएचओ यही नहीं रुकते, एक महिला वकील के साथ भी बदतमीजी करते है. इस घटना का वीडियो (Video) सोशल मीडिया X पर @jmdnewsflash नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:

वकील के साथ एसएचओ ने की बदसलूकी

एसएचओ के खिलाफ प्रदर्शन

एसएचओ (SHO) के व्यवहार से नाराज वकीलों ने सोमवार रात से थाने के बाहर धरना (Sit-In Protest) शुरू किया, जो मंगलवार सुबह तक जारी रहा. राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने एसएचओ और अन्य दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई (Strict Action) और SOP तैयार करने की मांग की. वकीलों ने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा.एडवोकेट राठौर और उनकी महिला सहयोगी एक रेप केस (Rape Case) में निष्पक्ष जांच और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर थाने पहुंचे थे. उन्होंने बिना यूनिफॉर्म पुलिसकर्मियों द्वारा बयान लेने पर आपत्ति जताई थी. इसी बहस के दौरान SHO और वकील के बीच विवाद बढ़ गया हैं.

न्यायिक कामकाज का बहिष्कार

घटना के विरोध में दोनों बार एसोसिएशनों ने 2 दिसंबर को राजस्थान भर में अदालतों के कामकाज (Judicial Work) के स्वैच्छिक बहिष्कार (Voluntary Boycott) का ऐलान किया है. उनका कहना है कि यह वकीलों की गरिमा और न्याय प्रणाली (Judicial System) पर सीधा प्रहार है.

पीड़िता के समर्थन की पुनः पुष्टि

बार एसोसिएशनों ने स्पष्ट किया कि वे रेप पीड़िता (Rape Survivor) के न्याय के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और पुलिस पर दबाव बनाए रखेंगे ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके.

आईपीएस अधिकारी करेंगे जांच

पुलिस कमिश्नर ने कोर्ट में बताया कि इस प्रकरण की जांच एक IPS-रैंक अधिकारी (IPS Rank Officer) को सौंपी गई है. एसएचओ को निलंबित (Suspension) कर दिया गया है और अन्य दोषी कर्मियों को भी थाने से हटाया जा रहा है. कोर्ट ने एक सप्ताह में विस्तृत जांच रिपोर्ट (Inquiry Report) प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.