
भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल दरों में 4-5 फीसदी की वृद्धि की गई है. यह बदलाव 1 अप्रैल से लागू हो चुके है और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के वार्षिक समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है. यह एक साल में दूसरी बार टोल दरें बढ़ाई गई हैं, इससे पहले जून 2024 में भी टोल में वृद्धि की गई थी. टोल की दरों में वृद्धि के कारण अब यात्रा करना अधिक खर्चीला होगा.
NHAI ने इस बढ़ोतरी को महंगाई और थोक मूल्य सूचकांक (WPI) से जोड़ा है. राजमार्गों के रखरखाव और विस्तार परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है. यह बढ़ी हुई दरें विशेष रूप से कार चालकों पर प्रभाव डालेंगी, जबकि बस और ट्रक चालकों को भी टोल में वृद्धि का सामना करना पड़ेगा.
रोड ट्रिप्स हो गए महंगे, NHAI ने देशभर में बढ़ाए टोल शुल्क.
किन मार्गों पर हुआ असर?
टोल दरों में बढ़ोतरी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, दिल्ली-जयपुर हाईवे, लखनऊ-कानपुर मार्ग और अयोध्या से जुड़ने वाले अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर देखी जा सकती है. इन मार्गों पर यात्रा करने वाले वाहन चालकों को अब प्रति यात्रा 5 से 10 रुपये अधिक देना होगा, जबकि भारी वाहनों के लिए यह वृद्धि 25 रुपये तक हो सकती है.
- दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे: सराय काले खां से मेरठ जाने वाले कार चालकों को अब 165 रुपये की बजाय 170 रुपये देने होंगे.
- दिल्ली-जयपुर हाईवे: खेड़की दौला टोल प्लाजा पर बड़े वाहनों के लिए टोल दर में 5 रुपये प्रति यात्रा की वृद्धि हुई है.
- लखनऊ-कानपुर मार्ग: इस हाईवे पर हल्के वाहनों के लिए 5 से 10 रुपये तक और भारी वाहनों के लिए 25 रुपये तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
विभिन्न श्रेणियों के वाहनों पर बढ़ोतरी
- हल्के वाणिज्यिक वाहन और बसें अब 275 रुपये प्रति यात्रा देंगी.
- ट्रकों के लिए टोल बढ़कर 580 रुपये हो गया है.
- NH-9 के छिजारसी टोल प्लाजा पर कारों के लिए टोल 170 रुपये से 175 रुपये कर दिया गया है.
- हल्के वाणिज्यिक वाहनों को अब 280 रुपये और बसों-ट्रकों को 590 रुपये चुकाने होंगे.
मासिक पास भी हुए महंगे
कारों के लिए 930 रुपये से बढ़कर 950 रुपये और टैक्सियों के लिए 1,225 रुपये से 1,255 रुपये हो गया है.
कितने टोल प्लाजा हैं भारत में?
भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में वर्तमान में लगभग 855 टोल प्लाजा हैं, जिनमें से 675 सार्वजनिक निधि से और 180 निजी कंपनियों द्वारा संचालित हैं.
इस बढ़ोतरी से दैनिक यात्रियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो रोजाना हाईवे पर सफर करते हैं. हालांकि, NHAI का कहना है कि इस अतिरिक्त राजस्व को राजमार्गों के रखरखाव और नए सड़क विकास परियोजनाओं में लगाया जाएगा, जिससे भविष्य में बेहतर बुनियादी ढांचे की सुविधा मिलेगी.