नई दिल्ली. बिहार में बेकाबू 'चमकी' बुखार यानि एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कहर से बच्चों को बचाने और तत्काल विशेषज्ञों की मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज (सोमवार) को सुनवाई करेगी. वही दूसरी तरफ सूबे में विपक्ष की भूमिका निभा रही आरजेडी इस मामलें में पूरी तरह आक्रामक नजर आ रही है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद मनोज झा (Manoj Jha) ने चमकी बुखार से हुई मौत के मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नोटिस दिया है. बिहार (Bihar) में चमकी बुखार से अबतक 152 बच्चों की मौत हुई है.
बता दें कि याचिका में 'चमकी' बुखार को लेकर बिहार सरकार (Bihar Govt) पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार को विशेषज्ञों की एक मेडिकल बोर्ड गठित कर उसे तत्काल बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) व अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भेजने का निर्देश देने की मांग की गई है. यह भी पढ़े-चमकी बुखार: बिहार में अबतक 152 मौतें, आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
Rashtriya Janata Dal Rajya Sabha MP, Manoj Jha: I have moved a Calling Attention motion in Rajya Sabha over deaths of children in Muzaffarpur. pic.twitter.com/82FG486iLe
— ANI (@ANI) June 24, 2019
याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकारों को निर्देश दिया जाए कि वह इस बीमारी से बचाव और जागरूकता के लिए पर्याप्त प्रचार करें. इसके अलावा जिनके बच्चों की इस बीमारी से मौत हुई है, उनके परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की गई है. यह भी पढ़े-चमकी बुखार: पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बच्चों की मौत के लिए CM नीतीश कुमार को ठहराया जिम्मेदार, मांगा इस्तीफा
गौरतलब है कि बिहार (Bihar) में बीते एक महीने से इसको लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इसका सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में दिखा है. जहां अकेले श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) को दिमागी बुखार और चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है.