नई दिल्ली. बिहार में ‘चमकी बुखार’ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. आपको बताना चाहते है कि लगातार इससे जुड़े मामले सामने आ रहे हैं और मौतों का ताजा आंकड़ा 152 तक पहुंच गया है. चमकी बुखार की वजह से मचे हाहाकार के बीच आज देश की सबसे बड़ी अदालत (Supreme Court) में इस मामले को लेकर सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मुजफ्फरपुर मामले से जुड़ी दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं.
सुप्रीम कोर्ट (SC) में दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि अदालत की तरफ से बिहार सरकार (Bihar Govt) को मेडिकल सुविधा बढ़ाने के आदेश दिए जाएं. साथ ही केंद्र सरकार (Modi Govt) को इस बारे में एक्शन लेने को कहा जाए. यह भी पढ़े-चमकी बुखार: पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बच्चों की मौत के लिए CM नीतीश कुमार को ठहराया जिम्मेदार, मांगा इस्तीफा
बीते बुधवार को अदालत ने इस मामले पर सुनवाई को लेकर हामी भरी थी. मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है.
जानिए चमकी बुखार के लक्षण?
बता दें कि चमकी बुखार एक दिमागी बुखार है. यह संक्रामक बीमारी है, जिसके वायरस शरीर में पहुंचते ही खून में शामिल होकर अपना प्रजनन शुरू कर देते हैं. शरीर में इस वायरस की संख्या बढ़ने पर ये खून के साथ मिलकर व्यक्ति के मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं.
मस्तिष्क में पहुंचने पर ये वायरस कोशिकाओं में सूजन पैदा कर देते हैं. जिसकी वजह से शरीर का 'सेंट्रल नर्वस सिस्टम' खराब हो जाता है. चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार चढ़ा रहता है.
बदन में ऐंठन के साथ बच्चा अपने दांत पर दांत चढ़ाए रहता हैं. शरीर में कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता रहता है. शरीर में कंपन के साथ बार-बार झटके लगते रहते हैं. यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है. यह भी पढ़े-मुजफ्फरपुर में 'चमकी बुखार' से 131 बच्चों की मौत के बाद सीएम नीतीश कुमार का पहला एक्शन, SKMCH के सीनियर डॉक्टर सस्पेंड
ज्ञात हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लगातार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. मीडिया की ओर से जब भी उनसे सवाल दागा गया तो उन्होंने चुप्पी ही साधी उल्टा कुछ मौकों पर वह मीडिया पर ही बरसते हुए दिखे.
गौरतलब है कि बिहार (Bihar) में बीते एक महीने से इसको लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इसका सबसे ज्यादा असर मुजफ्फरपुर में दिखा है. जहां अकेले श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में अब तक 128 बच्चों की मौत हो चुकी है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) को दिमागी बुखार और चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है.