मुजफ्फरपुर में 'चमकी बुखार' से 131 बच्चों की मौत के बाद सीएम नीतीश कुमार का पहला एक्शन, SKMCH के सीनियर डॉक्टर सस्पेंड
चमकी बुखार का कहर (Photo Credit PTI)

बिहार (Bihar) में चमकी बुखार की वजह से हो रही मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार सिर्फ मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में 129 बच्चों की मौत हो गई. वहीं पूरे बिहार में यह मौत का आंकडा 150 से आगे बढ़ चुका है. मामले में कार्रवाई करते हुए बिहार सरकार ने काम में लापरवाही बरतने के आरोप में श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भीमसेन कुमार (Dr Bhimsen Kumar) को सस्पेंड कर दिया गया है. उनके खिलाफ यह कार्रवाई काम में लापरवाही बरतने के आरोप में की गई है.

बिहार से स्वास्थ्य विभाग ने पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ भीमसेन कुमार को 19 जून को एसकेएमसीएच में तैनात किया था. उनकी तैनाती के बाद भी अस्पताल में बच्चों की मौतों का सिलसिला नहीं रुका. बच्चों की मौत होती रही.

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बिहार के हालात देखकर देशभर में गुस्सा है. लोगों का गुस्सा सरकार और स्वास्थ्य विभाग दोनों पर फूट रहा है. सोशल मीडिया पर भी लोग तरह-तरह के पोस्ट कर बिहार के हालत और मासूम बच्चों की मौत पर सरकार को बड़ा कदम उठाने के लिए कह रहे हैं. चमकी के कहर से बच्चों की मौत जारी है. मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई है.

वहीं शनिवार को एसकेमसीएच से एक नया मामला सामने आ रहा है. अस्पताल के पीछे मानव कंकाल के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया है. अस्पताल के पिछले हिस्से में बने जंगल में एक बोरे में करीब 100 नर कंकाल के अवशेष मिले हैं. बता दें कि इन्सेफलाइटिस के चलते हुई मौतों से अस्पताल प्रशासन पहले ही सवालों के घेरे में है, दूसरी ओर बोरे में कंकाल मिलना. ऐसे में अस्पताल प्रशासन चारों ओर से सवालों में घिर गया है.

मामले में प्रशासन ने मामले की जांचे के आदेश दिए हैं. इस पर एसकेमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने इस मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है. प्राचार्य और अधीक्षक की टीम संयुक्त रूप से इस मामले की जांच करेगी.