सॉफ्टवेयर से हो रही चुनावी धांधली? राहुल गांधी का आरोप- 'फर्जी लॉगिन से डिलीट किए जा रहे वोटर्स के नाम'
राहुल गांधी का आरोप- कर्नाटक में सॉफ्टवेयर और फर्जी लॉगिन से वोटरों के नाम हटाए गए (Photo Credit: X)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर एक बहुत गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि कर्नाटक में कांग्रेस के मजबूत वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से बड़े पैमाने पर हटाए गए. उनका दावा है कि यह सब फर्जी लॉगिन आईडी और राज्य के बाहर के फोन नंबरों का इस्तेमाल करके किया गया.

यह असली 'H-बम' नहीं, वो तो अभी आएगा

राहुल गांधी ने इस खुलासे को एक पड़ाव बताते हुए कहा, "यह असली H-बम नहीं है, असली वाला तो अभी आना बाकी है. यह तो बस देश के युवाओं को यह दिखाने का एक तरीका है कि चुनावों में किस तरह से धांधली की जा रही है." उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके निशाने पर देश के दलित और ओबीसी समुदाय के लोग हैं. राहुल गांधी ने कहा, "मुझे अपने देश और संविधान से प्यार है, और मैं हर हाल में इसकी रक्षा करूंगा."

कैसे पकड़ में आया पूरा मामला?

राहुल गांधी ने कर्नाटक की आलंद विधानसभा का उदाहरण देते हुए समझाया. उन्होंने बताया:

"आलंद में किसी ने 6,018 वोटरों के नाम लिस्ट से हटाने की कोशिश की. हमें यह तो नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने नाम हटाए गए, लेकिन यह संख्या बहुत बड़ी हो सकती है. यह मामला तो गलती से पकड़ में आ गया."

उन्होंने आगे बताया, "हुआ ये कि वहां की एक बूथ-लेवल अधिकारी (BLO) ने देखा कि उनके चाचा का ही वोट कट गया है. जब उन्होंने पता किया कि वोट किसने काटा, तो सिस्टम में उनके पड़ोसी का नाम दिखा. लेकिन जब पड़ोसी से पूछा गया, तो उसने साफ इनकार कर दिया. इसका मतलब यह है कि न तो उस व्यक्ति को पता था जिसके लॉगिन से वोट काटा गया और न ही उस वोटर को जिसका वोट काटा गया. साफ है कि किसी बाहरी ताकत ने पूरे सिस्टम को हैक करके यह काम किया है."

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि यह काम किसी एक व्यक्ति ने नहीं, बल्कि एक खास सॉफ्टवेयर की मदद से किया जा रहा है.

चुनाव आयोग पर सीधा हमला

राहुल गांधी ने सीधे तौर पर भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त पर निशाना साधते हुए कहा कि "वे उन लोगों को बचा रहे हैं जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है."

उन्होंने अपनी बात को पुख्ता बताते हुए कहा, "मैं इस मंच से कोई भी ऐसी बात नहीं कहूंगा जो 100 प्रतिशत सच न हो. मैं अपने देश, संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार करता हूं और उसी की रक्षा के लिए यह सब कह रहा हूं. मेरे पास अपनी हर बात के पक्के सबूत हैं, जिन्हें कोई भी जांच सकता है."

यह आरोप भारतीय चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है, और आने वाले समय में इस पर बड़ी राजनीतिक बहस छिड़ सकती है.